एमपी कैडर के आईएएस अधिकारी जांगिड़ ने डीजी को पत्र लिखकर मांगी सुरक्षा

भोपाल, मप्र के युवा आईएएस अधिकारी की कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी नेताओं एवं भ्रष्ट अधिकारियों की आंख की किरकिरी बन गई है। जब तबादलों से मन नहीं भरा तो अब उन्हें जान से मारने की धमकी मिलने लगी है। वाटसएप स्टेटस पर लोकेश का दर्द…. ईमानदारी तेरा किरदार है तो खुदकुशी कर ले, सियासी दौर को तो जी हुजूरी की जरूरत है…क्या झलका, उनके पास परिवार को जान से मारने की धमकी भरे फोन आने लगे हैं। गुरुवार देर रात जांगिड़ को जान से मारने की धमकी भरा फोन आया। इसकी पुष्टि खुद आईएएस जांगिड़ ने की है। उन्होंने शुक्रवार को डीजीपी को पत्र लिखकर सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की है। कहा जा रहा है कि धमकी देने वाले ने सीएम हाउस का नाम भी घसीटा है। सीएम की पत्नी का नाम लेकर जांगिड़ को धमकी दी गई है। हालांकि, यह अभी जांच का विषय है कि धमकी देने वाले ने सीएम की पत्नी का नाम क्यों और किसके कहने पर लिया।
क्या कहना है जांगिड़ का
आईएएस जांगिड़ ने डीजीपी को लिखे पत्र में कहा है कि 13 जून को मेरे द्वारा सिस्टम पर सवाल उठाए जाने के बाद कुछ मैसेज प्रेषित किए गए थे। हालांकि, यह प्राइवेट स्वरूप का ग्रुप था, परंतु दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से किसी साथी आईएएस द्वारा उसे लीक कर दिया गया। आईएएस जांगिड़ ने शिकायती पत्र में कहा है कि गुरुवार रात करीब 11.50 बजे मेरे पास सिग्नल ऐप पर अज्ञात नंबर से कॉल आया। जैसे ही मैंने कॉल कनेक्ट किया, सामने से कहा गया कि ‘तू नहीं जानता, तूने किससे पंगा ले लिया। साधना भाभी पर आरोप लगाकर तूने मौत को बुलाया है। अगर खुद की और तेरे बेटे की जिसकी फोटो तू स्टेटस पर डालता रहता है, तुझे जान प्यारी है तो कल ही 6 माह की छुट्टी पर चले जा और मीडिया से बात करना बंद कर दे। रवीश कुमार और अजीत अंजुम जैसे पाकिस्तानी तेरा उपयोग कर रहे हैं। तेरे समझ में नहीं आ रहा। ज्यादा शहादत का शौक मत चढ़ा। इसके बाद उस शख्स ने फोन कट कर दिया।
क्यों खटक रहे जांगिड़
लोकेश को सरकार ने कोरोना के नियंत्रण के लिए बड़वानी में अपर कलेक्टर के पद पर पोस्टेड किया था। इस दौरान लोकेश को कोरोना प्रभारी बनाया गया। लोकेश ने जिले में कोरोना को तो नियंत्रण कर लिया। इसके साथ ही वे वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार को भी नियंत्रित करने की भूल कर बैठे, और यह भूल उनको भारी पड़ गई। नतीजा 40 रोज के अंदर उन्हें वापस भोपाल बुला लिया गया। सूत्रों की मानें तो बड़वानी में कोरोना महामारी में उपकरणों की खरीदी में भारी हेरफेर हुआ था। 39 हजार के ऑक्सीजन कन्सेंट्रेटर 60 हजार में खरीदे गए। इसके साथ ही अन्य उपकरणों की खरीदी में करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ था। लोकेश ने चार्ज लेते ही भ्रष्टाचारियों पर लगाम लगा दी थी। लोकेश की कार्यप्रणाली सिस्टम को रास नहीं आई और उन्हें रातों-रात हटवा दिया गया।
जांगिड़ पर हो सकती निलंबन की कार्रवाई
2014 बैच के आईएएस जांगिड़ को सरकार ने 18 अप्रैल को अपर कलेक्टर बड़वानी पदस्थ किया था। जांगिड़ ने एडीएम रहते कोरोना नियंत्रण एवं उपचार के लिए ज्यादा कीमतों पर मशीनें खरीदने पर सवाल उठाए थे। इसके बाद उन्हें 40 दिन के भीतर बड़वानी से हटा दिया गया। जांगिड़ ने एसोसिएशन के ग्रुप में अपना दर्द बयां किया। मंत्रालय के वरिष्ठ अफसरों को भी अपनी परेशान बताई। अफसरों ने जांगिड़ को मुंह बंद रखने की सलाह दी, इसके लिए जांगिड़ राजी नहीं हुए, तो एसोसिएशन ने उनसे किनारा कर लिया है। मंत्रालय सूत्रों से खबर मिली है कि जांगिड़ पर जल्द ही निलंबन की कार्रवाई हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *