नई दिल्ली, लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में फूट के बाद दिवंगत रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस को चिरगा पासवान की जगह लोकसभा में (एलजेपी) के नेता बन गए हैं। स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें मान्यता दे दी है। इसके साथ ही पार्टी सांसदों ने महबूब अली कैसर को उपनेता चुना है। चंदन सिंह को पार्टी का मुख्य सचेतक बनाया गया है। यह सूचना लोकसभा स्पीकर को दी गई थी। गौरतलब है कि लोक जनशक्ति पार्टी के 6 में से 5 सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान के खिलाफ बगावत कर चुके हैं। बागी तेवर दिखाने वाले सांसदों में महबूब अली कैसर भी शामिल हैं। महबूब अली कैसर का कहना है कि हम चाहते हैं कि बस लीडरशिप चेंज हो। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बुरा-भला कहना गलत था।
सांसद कैसर ने कहा, विधानसभा चुनाव के वक्त अपनाई गई रणनीति गलत थी। यह मुख्य वजह रही है। कहने के बावजूद वह (चिराग पासवान) नहीं माने। पशुपति पारस जी को बिहार के अध्यक्ष पद से हटाना गलत था। वो अनुभवी आदमी हैं। उन पर रामविलास पासवान भी भरोसा करते थे। बगावत करने वाले पांचों सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें एलजेपी से अलग दल की मान्यता दी जाए। स्पीकर ने कानून के हिसाब से फैसला किया है। यह भी कहा जा रहा था कि ये पांचों सांसद जेडीयू के संपर्क में हैं। बताया गया कि बिहार विधानसभा चुनाव के समय से ही सभी सांसद असंतुष्ट थे। वे पार्टी में चिराग पासवान के कामकाज के तरीके से आहत थे।