भोपाल, करीब पांच महीने बाद सोमवार को राजधानी से शिवराज कैबिनेट की बैठक सीहोर के एक निजी रिसोर्ट में हुई। करीब 7 घंटे चली इस बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। कैबिनेट ने निर्णय लिया की प्रदेश में राजस्व बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श के लिए मंत्री समूह का गठन किया जाएगा। यह मंत्री समूह जून के अंत तक अपनी रिपोर्ट देगा। वहीं स्कूल-कॉलेज बंद होने के कारण बच्चों की पढ़ाई के अन्य तरीकों पर विचार हुआ। इस दौरान मंत्रियों ने कई तरह के सुझाव दिए। एक मंत्री ने कहा कि गांवों में कोरोना संक्रमण कम है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल खोले जा सकते हैं। एक अन्य मंत्री ने कहा कि अगले दो माह तक ऑनलाइन क्लास चलने की अनुमति स्कूलों को देना चाहिए। इसको लेकर निर्णय हुआ है कि मंत्रियों के सुझाव कैबिनेट सब कमेटी को भेजे जाएंगे। यह कमेटी ही स्कूलों के अलावा कॉलेजों को खोलने को लेकर सरकार को रिपोर्ट देगी। जिसके आधार अंतिम फैसला लिया जाएगा। इस बारे में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि मंत्रियों के सुझाव पर विचार करने के अलावा आम लोगों से भी फीडबैक लिया जा रहा है। इसके लिए अंतिम तारीख 30 जून तय की गई है। इससे स्पष्ट है कि स्कूल-कॉलेजों को खोलने का निर्णय अगले माह के पहले सप्ताह में लिया जाएगा।
इस दौरान अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मंथन भी किया गया। इसमें आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का रोडमैप भी मंत्रियों से सुझाव लिए गए। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने और विभागों की गतिविधियों को बढ़ावा देने के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि छह महीने बाद बैठक हो रही है। स्कूल-कॉलेज बंद होने से बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो, इसके लिए तकनीक के इस्तेमाल पर चर्चा होगी। पिछले ढाई महीने से प्रदेश का राजस्व बहुत कम आया है। अब कोरोना नियंत्रित है। ऐसे में सरकार की आय बढ़ाने के उपायों के साथ आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश के रोडमैप पर भी चर्चा होगी।
-बच्चों के पेरेंट्स को दी जाएगी ट्रेनिंग
बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को खतरा ज्यादा है। इसको ध्यान में रखकर तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि मेडिकल स्टाफ के अलावा बच्चों के पेरेंट्स को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। संभावना है कि तीसरी लाएगी। इसे रोके, इसकी रणनीति बनी है। मास्क लगाना व सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना जरुरी है। इसे जनआंदोलन बनाया जाएगा। इसके लिए क्राइसिस मैनजमेंट ग्रुप अस्तित्व में रहेगा। किल कोरोना अभियान भी निरंतर रहेगा। केविड केयर सेंटर कुछ स्थानों पर चालू रखने का निर्णय लिया गया है। टेस्टिंग भी जारी रहेगी।
-350 सीएम राइज स्कूल खुलेंगे
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने बताया कि प्रदेश में प्रदेश में करीब 1 हजार सीएम राइज सर्वसुविधायुक्त स्कूल शुरु होंगे। अगामी शिक्षा सत्र में 350 स्कूलों का चयन किया गया है। इसमें ट्राइवल व सामान्य व जिला , ब्लाक का विभाजन किया है। नगर निगम क्षेत्र है तो जहां स्कूल नहीं है, उसको भी शामिल किया जा रहा है। इन स्कूलों के निार्मण में 40 करोड़ की लागत आएगी।
-रोजगार अधिकारियों की वर्कशॉप होगी
यशोधरा राजे सिंधिया ने बताया कि सरकार रोजगार पर फोकस करेगी। बैठक में इसके लिए कई सुझाव आए। इसके बाद तय किया गया कि प्रदेश के रोजगार कार्यालय तकनीकी शिक्षा विभाग के अधीन काम कर रहे हैं। अब जिलों के रोजगार अधिकारियों की वर्कशॉप कर ट्रेनिंग दी जाएगी। स्व सहायता समूहों को रोजगार को तकनीकी तौर पर ट्रेंड किया जाएगा। उन्हें प्लंबर, फिटर जैसे छोटे-छोटे कामों की ट्रेनिंग दी जाएगी। बड़े उद्योगों के लिए स्किल डपलपमेंट सेंटर खोले जाएंगे।
-मेडिकल एजुकेशन कोर्स शुरु कर सकेंगे निजी विश्वविद्यालय
उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 50 से ज्यादा कॉलेजों का भवन निर्माण कराया जाएगा। रोजगार मूलक कोर्स शुरु किए जाएंगे। विश्वविद्यालयों को यह स्वायत्तता दी जाएगी कि वह मेडिकल एजुकेशन व रोजगार परक कोर्स शुरु करें। कोरोना मुक्ति अभियान में कॉलेजों के स्टूडेंट शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 20 लाख स्टूटेंड्स व टीचर हैं।
-किसानों को 16 हजार करोड़ की सब्सीडी दे रही सरकार
ऊर्जा मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर ने बताया कि सरकार बिजली उपलब्ध कराने के लिए 16 हजार करोड़ की सब्सीडी किसानों को, 5 हजार करोड़ की सब्सीडी घरेलु उपभोक्ताओं के लिए दी जा रही है। प्रदेश में 1 करोड़ 15 लाख में 95 लाख को 100 रुपए में बिजली उपलब्ध करा रही है। इस पर हर उभोक्ता पर 400 रुपए तक की बिलों में छूट मिल रही है। उन्होंने कहा कि मप्र में 10 दिनों में बिजला का लोड बढऩे के कारण कई जिलों में ट्रिपिंग की समस्याएं आई हैं। इसका खेद है।