जबलपुर, सरबजीत सिंह मोखा के सिटी अस्पताल में भर्ती मरीजों को लगे नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले की जांच के लिए मोरवी जेल में निरुद्ध चार आरोपियों को जबलपुर लाने एसआईटी की टीम शनिवार देर रात गुजरात रवाना हो गई है। ट्रांसफर वारंट लेकर गई टीम मंगलवार सुबह तक आरोपियों को लेकर जबलपुर पहुंचेगी। एसआईटी प्रभारी रोहित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित कासवानी न्यायालय से इन चारों आरोपियों के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट लेकर घमापुर टीआई के नेतृत्व में १० सदस्यी दल रवाना हुआ है. जांच टीम को आशा है की इन चारों से पूछताछ शुरु होने पर कई नई जानकारियों और साक्ष्य सामने आएंगे. गौरतलब है की इन चारों आरोपियों की पुलिस रिमांड का लम्बे समय से इंतजार किया जा रहा है. सिटी अस्पताल के कर्मचारी देवेश चौरसिया, मैनेजर सोनिया शुक्ला और सरबजीत सिंह मोखा के बयानों का सत्यापन भी इन चार आरोपियों से पूछताछ के दौरान किया जाएगा. वहीं चारों आरोपियों ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में सूरत-मोरवी व इंदौर पुलिस को क्या बयान दिए हैं,इसकी भी तस्दीक एसआईटी द्वारा की जाएगी।
गौरतलब है कि गुजरात पुलिस ने १ मई को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का भंडाफोड़ किया था। मामले में ७ लोग
गिरफ्तार हुए थे। ६ मई की रात में गुजरात पुलिस ने फार्मा संचालक जबलपुर निवासी सपन जैन को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत का मोखा का नाम सामने आया। वहीं यह भी खुलासा हुआ कि उसने २३ व २८ अप्रैल को २ कार्टून में ५०० नकली इंजेक्शन मंगवाए थे। इन इंजेक्शन में २०९ इंजेक्शन अस्पताल में भर्ती १७१ मरीजों को लगा दिए गए थे। जिसमें ९ मरीजों की मौत भी होने की बात सामने आई थी। इस मामले में१० मई को ओमती थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी,जिसके बाद अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा को गिरफ्तार कर लिया गया है।