छत्तीसगढ़ में पिछले दो वर्षों में 5 लाख 50 हजार किसान बढे

रायपुर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आकाशवाणी से प्रत्येक माह प्रसारित होने वाली ’लोकवाणी’ की 18वीं कड़ी में कहा कि छत्तीसगढ़ में 21 मई 2020 को शुरू हुई ’राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ से किसानों की आय बढ़ेगी और वे आर्थिक रूप से सक्षम बनेंगे।उन्होंने कहा कि यह योजना छत्तीसगढ़ के किसानों के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। ऐसे में पिछले दो वर्षों में 5 लाख 50 हजार किसान बढे हैं।
बघेल ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ में 21 मई 2020 को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरूआत की और साल भर के भीतर चार किस्तों में पूरी राशि 5 हजार 628 करोड़ रूपए का भुगतान 18 लाख 45 हजार किसानों के खाते में कर दिया। जो लोग पहले चार किश्तों में राशि देने को लेकर आपत्ति कर रहे थे, उन लोगों ने कोरोना संकट को देखते हुए यह कहना शुरू कर दिया था कि खरीफ 2021 में धान बेचने वाले किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। कोरोना के कारण देश और प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर निश्चित तौर पर बुरा असर पड़ा है। लेकिन मैंने स्पष्ट कहा कि इसका नुकसान किसानों को नहीं होने देंगे। इस तरह हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना 2021 के लिए बाकायदा बजट में 5 हजार 703 करोड़ का प्रावधान किया है और विगत वर्ष की तरह ही 21 मई अर्थात राजीव जी के शहादत दिवस पर, ठीक पिछली बार की तरह पहली किश्त की राशि 1500 करोड़ रूपए का भुगतान किसानों के खाते में कर दिया गया। इसमें 20 लाख 53 हजार 482 किसानों ने धान बेचा है तथा शेष लगभग डेढ़ लाख किसानों ने मक्का व गन्ना बेचा है। कोरोना महासंकट के बावजूद योजना के क्रियान्वयन में एक दिन की भी देरी नहीं की गई।
भूपेश बघेल ने कहा कि कृषकों के हित में राजीव गांधी किसान न्याय योजना का कुछ नए प्रावधानों के साथ विस्तार किया गया है। इसके तहत ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ में आदान सहायता की राशि के लिए मुख्यतः तीन प्रावधान हैं। पहला प्रावधान यह है कि पिछले साल की तरह धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो, कुटकी, सोयाबीन, अरहर, गन्ना फसल लेने वाले किसानों को 9 हजार रूपए प्रति एकड़ आदान सहायता राशि हर साल दी जाएगी। दूसरा प्रावधान उन किसानों के लिए जो धान के बदले अन्य निर्धारित फसलें लेना चाहते हैं। उन्हें 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से अनुदान सहायता राशि दी जाएगी। इसी तरह तीसरा प्रावधान उन किसानों के लिए जो धान के बदले वृक्षारोपण करेंगे तो उन्हें भी 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की सहायता राशि दी जाएगी, यह तीन वर्ष के लिए होगी। इस योजना में समस्त श्रेणी के भू-स्वामी एवं वन पट्टाधारी कृषक लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे। कृषकों को आदान सहायता प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा। कृषक पंजीयन का कार्य एक जून से शुरू हो गया है, जो 30 सितंबर तक किया जाएगा।

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