लखनऊ, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सहयोगी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि वह भाजपा के किसी नेता के सम्पर्क में नहीं हैं। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रह चुके सुभासपा अध्यक्ष राजभर ने भविष्य में भाजपा से गठबंधन करने से साफ-साफ इंकार कर दिया।
राजभर ने दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी यदि उन्हें न्योता देते हैं, तो भी वह उनसे नहीं मुलाकात करेंगे। ज्ञात रहे कि 2017 में उत्तरप्रदेशविधानसभा चुनाव से पहले राजभर की पार्टी ने भाजपा से गठबंधन किया था और यह करार अमित शाह की मौजूदगी में हुआ था। उन्हें भाजपा ने आठ सीटें दी थीं, जिनमें चार सीटों पर राजभर समेत उनकी पार्टी के उम्मीदवार जीते थे।
राजभर को योगी सरकार में मंत्री बनाया गया लेकिन कुछ माह बाद ही भाजपा से उनकी दूरी बढ़ती गई और अंततः उन्होंने गठबंधन तोड़ दिया। इस बीच भाजपा और सुभासपा के बीच गठबंधन को सिरे से खारिज करते हुए राजभर ने दो टूक कहा कि भाजपा ने केशव प्रसाद मौर्य को सामने रखकर उत्तर प्रदेश विधानसभा का पिछला चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया। उन्होंने दावा किया कि योगी सरकार में मौर्य की ना सिर्फ उपेक्षा की गई है बल्कि उत्तरप्रदेश राज्य सचिवालय से उनका नेमप्लेट भी उखाड़ कर फेंक दिया गया।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह भागीदारी संकल्प मोर्चा को मजबूत बनाने में जुटे हैं। उन्होंने दावा किया है कि सपा के पूर्व नेता शिवपाल यादव व भीम आर्मी नेता चंद्रशेखर आजाद आने वाले समय में मोर्चा का हिस्सा होंगे। उन्होंने बताया कि एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी बहुत जल्द लखनऊ आयेंगे तथा इसके बाद मोर्चा को सशक्त बनाने की रणनीति तैयार की जाएगी।