भोपाल, राजधानी भोपाल में भारतीय खाद्य निगम रिश्वतखोरी मामले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। रिश्वतखोर क्लर्क किशोर मीणा घूस में मिलने वाले पैसे लोगों को ब्याज पर देता था। अब सीबीआई कर्जदारों से कर्ज की रकम वसूलेगी। बता दें कि सीबीआई के छापे में क्लर्क के घर से तीन करोड़ रुपए बरामद हुए थे।
खुलासे के मुताबिक, किशोर मीणा रिश्वत की राशि को हर महीने 2 प्रतिशत ब्याज के हिसाब से लोगों को देता था। आरोपी अभी तक करोड़ों रुपए ब्याज पर दे चुका है। वो ब्याज से मिलने वाला पैसा रिश्वतखोरी में शामिल अपने सभी साथियों में बराबर बांटता था। जांच में इस बात का खुलासा होने के बाद सीबीआई की टीम ने ब्याज पर पैसे लेने वाले लोगों की लिस्ट तैयार की है। सीबीआई को अभी तक 95 लाख रुपए एक बिल्डर को ब्याज पर देने की जानकारी मिली है। अब सीबीआई ने बिल्डर समेत ब्याज पर पैसे लेने वालों से पूछताछ और पैसों की रिकवरी शुरू कर दी है।
रिश्वत की रिकवरी
आरोपी किशोर मीणा ने 95 लाख रुपए एक बिल्डर को ब्याज पर दिए थे। 95 लाख के बदले मीणा को हर महीने दो प्रतिशत ब्याज मिलता था। नवंबर 2020 में 95 लाख में से 60 लाख रुपये ब्याज पर दिए गए थे। सीबीआई ने मीणा से ब्याज और पैसे के लेनदेन करने वालों को भी जांच के दायरे में लिया है। उस बिल्डर से भी पूछताछ की गई और सीबीआई ने उससे ब्याज के पैसे जमा करने के लिए कहा है। साथ ही सीबीआई की मीणा से ब्याज लेने वालों की लिस्ट तैयार कर ली है। उन्हें भी पूछताछ के लिए सीबीआई दफ्तर बुलाया जा रहा है। सबसे रिश्वत की राशि रिकवर की जाएगी।
एक लाख की रिश्वत लेते किया था गिरफ्तार
सीबीआई ने गुरुग्राम की सिक्यूरिटी एजेंसी कैप्टन कपूर एंड संस के बिल पास करने के एवज में रिश्वत मांगने वाले एफसीआई के डिविजनल मैनेजर हर्ष हिनोनिया, अकाउंट मैनेजर अरुण श्रीवास्तव, सिक्युरिटी मैनेजर मोहन पराते और क्लर्क किशोर मीणा को एक लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।