भोपाल, राजधानी भोपाल में 18 साल से अधिक उम्र के 9 लाख 76 हजार से अधिक लोगों को पहला डोज दिया जा चुका है। इस तरह 45 फीसदी आबादी को वैक्सीनेशन के दायरे में लिया जा चुका है। जुलाई अंत तक दूसरा डोज भी अधिकांश को लग जाएगा। भोपाल में बीते हफ्तेभर से वैक्सीनेशन आंदोलन के रूप में शुरू हो गया। प्रदेश में इंदौर के बाद वैक्सीनेशन में दूसरा शहर राजधानी भोपाल है। यहां आम लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू हुए करीब 100 दिन हो चुके हैं।
भोपाल में 212 सेंटर (सरकारी-211, प्राइवेट-01) पर वैक्सीनेशन हुआ है। इनमें कुल 9 लाख 76 हजार 940 लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। इसके अलावा, 1 लाख 54 हजार 556 लोग दूसरा डोज भी ले चुके हैं। भोपाल को कोरोना मुक्त करने के इस अभियान में जहां सख्ती से लॉकडाउन लगाया गया और अब धीरे-धीरे 1 जून से अनलॉक की प्रक्रिया तो शुरू की ही गई। वहीं ठप पड़े वैक्सीनेशन अभियान को भी तेज गति दी गई है। कोरोना की दूसरी लहर के चलते अप्रैल और मई में वैक्सीनेशन का काम भी प्रभावित हुआ, मगर अब जून से जो वैक्सीनेशन के लिए पात्र है, उसे अब तेजी से वैक्सीनेट किया जा रहा है।
पुराने के मुकाबले नया शहर में अधिक वैक्सीननेशन
राजधानी भोपाल में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है। वैक्सीनेशन के मामले में पुराने शहर के मुकाबले नया शहर आगे निकल गया है। 18 प्लस और 45 प्लस की वैक्सीनेशन में पुराने शहर की आबादी पीछे है। कहा जा रहा है कि शहर के पुराने इलाके में जागरुकता की कमी के कारण वैक्सीनेशन की रफ्तार कम है। इतना ही नहीं शहर से लगे आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है। यहां पर अभी तक 60 फीसदी लोगों ने वैक्सीनेशन नहीं कराया। शहर में अभी तक 66 फीसदी युवाओं को टीका नहीं लग सका है। सिर्फ 34 प्रतिशत ही युवाओं को टीका लगा है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण वैक्सीनेशन की कमी बताया जा रहा है। राजधानी में 144 दिन में 18 कैटेगरी में महज 34 फीसदी को वैक्सीन लगी है। अभी भी 18 वाले 66 प्रतिशत को टीका नहीं लगा है। आंकड़े के अनुसार, 4.10 लाख को 18 कैटेगरी में फस्र्ट डोज लगा है। 22 हजार को 18 कैटेगरी में सेकंड डोज लगा है। 60 को 90 प्रतिशत फस्र्ट डोज लगा है, जबकि एक लाख से अधिक लोगों को सेकेंड डोज लगा चुके हैं।
पुराने शहर में रफ्तार सबसे ज्यादा धीमी
पुराने शहर में 45 कैटेगरी में 10 प्रतिशत ने ही वैक्सीन लगवाई है। यही हाल 18 प्लस में युवाओं का है। कुल मिलाकर नए शहर के मुकाबले पुराने शहर में टीकाकरण की रफ्तार धीमी है। दो महीने में 45 कैटेगरी के 2.49 लाख लोग फस्र्ट डोज लगवा चुके हैं। पुराने शहर में 45 कैटेगरी के महज 10 फीसदी लोगों ने ही वैक्सीन लगवाई है। शहर के मुकाबले आसपास की ग्रामीण इलाकों में इस वर्ग के 60 फीसदी लोग का टीकाकरण नहीं हो पाया है।
केंद्र की परिवर्तित पॉलिसी का भी मिलेगा और लाभ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम संदेश में अपनी त्रुटिपूर्ण वैक्सीनेशन पॉलिसी को ठीक करने की शुरुआत भी की। सुप्रीम कोर्ट की फटकार का भी असर पड़ा और अग्निबाण भी लगातार यह मांग उठाता रहा कि राज्य शासन की बजाय केन्द्र खुद कम्पनियों से वैक्सीन खरीदकर उपलब्ध करवाए। अब 21 जून से 18साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए केन्द्र सरकार ही राज्यों को नि:शुल्क वैक्सीन उपलब्ध करवाएगी और 25 फीसदी वैक्सीन निजी अस्पताल खरीदकर लगा सकेंगे, उसमें भी 150 रुपए का ही अधिकतम सेवा शुल्क उनके द्वारा वसूल किया जाएगा।
भोपाल की 45 फीसदी आबादी वैक्सीनेट… जुलाई तक अधिकांश को लग जायेगा दूसरा डोज
