भारत सरकार ने मेहुल चोकसी केस में हरीश साल्वे की कानूनी दांव-पेच को समझने में ली मदद

नई दिल्ली, हजारों करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के बाद एंटीगुआ में रह रहे भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को वापस लाने के लिए भारत सरकार वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे से सलाह-मशविरा कर रही है। मौजूदा समय में महारानी एलिजाबेथ के कानूनी सलाहकार हरीश साल्वे डोमिनिका की हाईकोर्ट में भारत का पक्ष भी रख सकते हैं। बता दें कि डोमिनिका में चोकसी के अवैध प्रवेश के मामले की सुनवाई वहां की हाईकोर्ट में ही चल रही है। सोमवार को एक बयान में हरीश साल्वे ने कहा, ‘मेहुल चोकसी के केस में क्या कदम उठाने हैं, इसको लेकर मैं भारत सरकार को सलाह दे रहा हूं।’ हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि डोमिनिका की कोर्ट में भारत सरकार कोई पार्टी नहीं है बल्कि भारत सिर्फ डोमिनिका प्रशासन की मदद कर रहा है। उन्होंने आगे कहा, ‘अगर भारत को सुनवाई का मौका दिया जाता है और वहां के अटॉर्नी जनरल उनकी कोर्ट में मेरे प्रवेश के लिए सहमत होते हैं तो मैं भारत का प्रतिनिधित्व करूंगा।’ इससे पहले हरीश साल्वे कुलभूषण जाधव केस में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक चोकसी बीते महीने डोमिनिका में गिरफ्तार हुआ था। भारत से भागने के बाद चोकसी ने कथित तौर पर एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी और वह साल 2018 से वहीं रह रहा था। हालांकि, इस साल मई महीने में डोमिनिका के तटीय सुरक्षाकर्मियों ने चोकसी को अवैध रूप से उनके क्षेत्र में प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। डोमिनिका की मैजिस्ट्रेट कोर्ट में चोकसी की जमानत याचिका खारिज की जा चुकी है, जिसके बाद चोकसी ने डोमिनिका की हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी दी है। अब इस मसले पर 14 जून को सुनवाई होनी है।

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