नई दिल्ली, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने आधिकारिक तौर पर मराठा आरक्षण, मेट्रो के ‘कार शेड’, जीएसटी मुआवजे से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की। इस मौके पर महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के मंत्री अशोक चव्हाण भी मुख्यमंत्री ठाकरे के साथ मौजूद थे। लेकिन दिलचस्प बात यह भी रही कि पीएम मोदी और उद्धव ठाकरे की वन टू वन मुलाकात 30 मिनट चली। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। सूत्रों ने बताया कि उद्धव ठाकरे के प्रधानमंत्री के आवास पर पहुंचने के तुरंत बाद पीएम और उद्धव एक साथ बैठे। बाद में अशोक चव्हाण और अजित पावर को बैठक में बुलाया गया। शिवसेना के सूत्रों की मानें तो इस मुलाक़ात का मतलब ये बताना था कि शिवसेना का साथ बीजेपी ने जहां छोड़ा था हम आज भी वहीं खड़े हैं, हमने हिंदुत्व नहीं छोड़ा, हमने बीजेपी को नहीं छोड़ा, हमने वायदा खिलाफ़ी नहीं की। सूत्र ने आगे कहा कि इसका मतलब है कि आज अगर फिर से बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन बनता है तो वही फ़ॉर्मूला फिर से लागू होगा। जिसे मतोश्री में बैठकर 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले हमें बताया गया था यानी जब कभी फिर एक होंगे तब पहले शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा और बाद में बीजेपी का सीएम बनेगा, दोनों का कार्यकाल आधा-आधा होगा।
उद्धव ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री से वन टू वन मुलाकात पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पत्रकारों से कहा, ”हम राजनीतिक तौर पर साथ नहीं हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमारे संबंध खत्म हो गए हैं। मैं कोई नवाज शरीफ से मिलने नहीं गया था। इसलिए मैं अगर प्रधानमंत्री से अकेले में मिलता हूं तो इसमें कुछ गलत नहीं हैं।” नवम्बर, 2019 में राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद उद्धव ठाकरे की दिल्ली की यह दूसरी यात्रा है।