यूपी में 15 वर्षों में दर्ज शराब मामलों की दोबारा होगी जांच, सरकार का मास्टर प्लान तैयार

लखनऊ,अलीगढ़ जहरीली शराब कांड के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पूरे उत्तर प्रदेश में शराब माफियाओं को जड़ से खत्म करने के लिये आबकारी विभाग द्वारा एक विशेष मास्टर प्लान बनाया गया है। इसके तहत प्रदेश में पिछले 15 वर्षों में दर्ज किये गये शराब से जुड़े सभी बड़े मामलों की जांच दोबारा कराकर पुलिस की मिलीभगत से बचे दोषी शराब माफियाओ को कड़ी सजा दिलाने का निर्देश जारी कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी के मुताबिक मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश के सभी डीएम व एसपी को बीते 15 वर्षों में प्रदेश में दर्ज कराये गये अवैध शराब के सभी बड़े मामले की दोबारा सघन जांच करने के निर्देश दिये गये है। जिसमें पुलिस की मिलीभगत से विवेचना में अपना नाम बाहर करवाने वाले शराब माफियाओं के नाम जांच में दोबारा शामिल करके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजने के साथ बेहतर पैरवी के जरिये सजा भी दिलाने के निर्देश दिये गये है। सीएम योगी के निर्देश पर पिछले 15 वर्षों में पकड़ी गई किसी भी प्रकार की स्पिरिट या जहरीली शराब से जुड़े मामलों की समीक्षा जहां खुद सबंधित जिले के डीएम, एसपी, वरिष्ठ आबकारी अधिकारी के साथ डीजीसी क्रिमिनल करेंगे। तो वहीं हर जिले के 10 बड़े मामलों की समीक्षा संबंधित जिले के मंडलायुक्त और डीआईजी करेंगे। इतना ही नही अब डीएम के साथ मंडलायुक्त को भी हर माह की 15 तारीख तक अवैध शराब से जुड़े लोगों को सजा दिलाने के लिये की गई कार्रवाई की समीक्षा कर उसकी रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव आबकारी को भी भेजनी होगी। भूसरेड्डी के मुताबिक ‘सीएम योगी के निर्देश पर अब शराब माफियाओं की कमर तोड़ने के लिये किसी भी शराब की दुकान में अवैध शराब मिलने पर न सिर्फ उसका लाइसेंस निरस्त कर उसे पूरे प्रदेश में ब्लैक लिस्ट कर दिया जाय़ेगा, बल्कि ऐसा करने वालों के खिलाफ एमएसए और गैंगेस्टर के तहत कार्रवाई करके उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी।’

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