जबलपुर, लॉकडाउन और कोरोना महामारी के चलते पिछले डेढ़ माह से बंद पड़े नेशनल पार्क एक जून को सैलानियों के लिए खोल दिए गए। बाघों के दीदार के साथ पार्को में भ्रमण करने वाले सैलानियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। हालांकि कोविड गाइड लाइन की सख्ती का असर नेशनल पार्क में आने वाले पर्यटकों की संख्या पर साफ दिखाई दे रहा है। कान्हा, बांधवगढ़, पेंच टाइगर रिजर्व में कोर जोन में भ्रमण करने वाले पर्यटकों की संख्या आम दिनों की अपेक्षा कम रही। कोर जोन में ही सफारी फुल नहीं हो रही है, ऐसे में बफर जोन पूरी तरह से खाली चल रहा है। पार्क प्रबंधन के अधिकारियों के मुताबिक पार्क में पर्यटकों को प्रवेश के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन इस बार बहुत सख्ती से कराया जा रहा है। पार्क के कोर जोन में प्रवेश करने वाले वाहनों को सेनेटाइजेशन की प्रक्रिया से गुजरना होता है। साथ पर्यटकों के साथ कर्मचारियों व जिप्सी चालक, गाइड की स्केनिंग की जा रही है। तभी जाकर उन्हें प्रवेश मिल रहा है।
पेंच में व्यस्क बाघ की मौत
टाइगर रिजर्व पेंच में एक प्रौढ़ व्यस्क बाघ का शव मिलने के बाद हड़कंप मच गया। खबर मिलने के बाद आनन-फानन में मौके पर पार्क के फील्ड डायरेक्टर सहित नेशनल टाइगर कर्जवेशन अथॉरिटी (एनटीसीए), पार्क के वेटरनरी डॉक्टर मौके पर पहुंचे। शिकार की आशंका को देखते हुए पार्क प्रबंधन ने एक टीम को सर्चिंग के लिए लगाया। बताते हैं कि घटनास्थल से एक किलोमीटर तक डॉग स्कवाड के साथ सर्चिंग कराई गई, लेकिन वन विभाग को कुछ हाथ नहीं लगा। बताया जाता है सिवनी जिले के पेंच टाइगर रिजर्व के अंतर्गत घाटकोहका बफर परिक्षेत्र में बीट मोहगांव के कक्ष क्रमांक पी ४५५ में गस्ती दल को गस्ती के दौरान एक प्रौढ़ वयस्क नर बाघ मृत अवस्था में मिला, जिसकी सूचना तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। सूचना के बाद सीसीएफ एवं फील्ड डायरेक्टर पेंच टाइगर रिजर्व विक्रम सिंह परिहार, डिप्टी डायरेक्टर एमबी सिरसैंया, सहायक वन संरक्षक सिवनी बीपी तिवारी, अधीक्षक आशीष कुमार पांडेय, पार्क के वेटरनरी डॉक्टरअखिलेश मिश्रा, परिक्षेत्र अधिकारी कु स्वाति सिन्हा सहित स्टाफ मौके पर पहुंचा। इनके साथ एनटीसीए प्रतिनिधि एल के वासनिक, डीएफओ सिवनी सामान्य भी मौके पर पहुंचे। मौके पर पहुंचे वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. मिश्रा ने शव परीक्षण किया, जिसमें बाघ के शरीर के समस्त अवयव जैसे बाल, नाखून, दांत आदि सुरक्षित अवस्था में मिले हैं। इसके बाद मृत बाघ के सैम्पल लैब भेजे जाने के लिए एकत्र किए गए। इसके बाद एनटीसीए की गाइड लाइन के मुताबिक बाघ का शव दाह अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया।