नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली के देवली में कोरोना संक्रमण से 22 दिनों में एक ही परिवार के छह लोगों ने अपनी जान गवां दी। परिवार में कुल 15 लोग थे, जिसमें से 9 लोग कोरोना की चपेट में आ गए थे। संक्रमित हुए लोगों में 5 की स्थिती गंभीर थी, इनका अलग अलग अस्पतालों में उपचार चल रहा था। जबकि बाकी के सदस्य घर में ही क्वारंटाइन थे। सोमवार को परिवार के सभी मृत सदस्यों के लिए तेहरवीं का संस्कार किया गया, देवली गांव में मातम पसरा रहा क्योंकि यह लोग कोरोना में दूसरे लोगों की मदद करते हुए संक्रमित हुए थे।
परिवार की मुखिया 83 साल की बुजुर्ग सत्यवती मित्तल अपने परिवार के साथ अपने देवली गांव में रहती थी। उनके बच्चे अपना निजी कारोबार करते हैं। सत्यवती मित्तल के परिवार में दो बेटे, एक बेटी और उनके बच्चे शामिल थे। बेटी उनके घर के पास ही रहती है। सत्यवती मित्तल के भाई अनिल गोयल ने बताया कि उनकी बहन के परिवार में सबसे पहले उनका भांजा अमित मित्तल संक्रमित हुए था। जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद परिवार के बाकि सदस्यों ने अपनी जांच कराई और परिवार के 9 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। जिसमें से सत्यवती मित्तल, उनके दोनों बेटे, दोनों बेटों की पत्नी और दमादा और बेटों के बच्चे शामिल थे। दो दिन घर में रहने के बाद सत्यवती मित्तल, उनके दोनों बेटे, दोनों बेटों की पत्नी और दमादा बिगड़ गई और उनका आक्सीजन लेवल गिर गया।इसके बाद उन्हें तुंरत आईसीयू में भर्ती करने के लिए कहा गया।
अनिल गोयल ने बताया कि परिवार के सभी लोगों की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्होंने बेड के लिए दिल्ली के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में संपर्क किया। लेकिन किसी को भी बेड नहीं मिला। अनिल गोयल ने बताया कि वह साकेत से निगम पार्षद भी रहे हैं और एक बड़े राजनैतिक दल के पदाधिकारी भी हैं। उन्होंने मदद के लिए सभी से गुहार लगाई, लेकिन कहीं से मदद नहीं मिली। जिसके बाद चार लोगों को झज्जर एम्स और एक को गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में भर्ती किया गया। जिसके बाद उन सभी का उपचार शुरू हुआ। अनिल गोयल ने बताया कि सबसे पहले उनके भांजे अमित ने कोरोना संक्रमण के चलते दम तोड़ा। उसके बाद अमित की मां सत्यवती मित्तल की मौत हुई। उसके बाद अमित के भाई, जीजा, भाभी और फिर पत्नी की कोरोना संक्रमित होने चलते मौत हो गई। सभी अस्पतालों में भर्ती थे। इस दौरान परिवार के उन सदस्यों को जो संक्रमित होने के बाद घर में क्वारंटाइन थे, उन्हे किसी की भी मौत की खबर नहीं दी गई। सभी तीनों लोग स्वस्थ्य होकर लौट गए, जिसके बाद उन्हें इस बारे में बताया गया। जिसके बाद से घर और पूरी गली में मातम छाया हुआ है।