जबलपुर,नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन के मामले में जांच पड़ताल में जुटी एसआईटी पिछले पांच दिन से मोखा को रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही थी। उसके बाद भी एसआईटी को उसका मोबाइल नहीं मिला। एसआईटी में पूछताछ में मोखा ने बार-बार यही कहा कि उसे नहीं मालूम उसका मोबाइल कहां खो गया। पुलिस उसके मोबाइल का डाटा जुटाने में लगी हुई है। सायबर सेल से उसके मोबाइल का डाटा जुटाया जा रहा है ताकि पता चल सके कि उसने कौन से मैटर डिलीट किये है। पांच दिन की रिमांड खत्म होने पर एसआईटी ने सोमवार को सरबजीत सिंह मोखा को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इन पांच दिनों में fिसटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा से पुलिस कुछ खास नहीं उगलवा पाई है। पुलिस की सुई मोखा के मोबाइल फोन पर आकर अटक गई है क्योंकि अभी भी पुलिस को मोखा का मोबाइल फोन नहीं मिल पाया है। अब चर्चा तो यह भी कि नकली रेमडिसिविर मामले में मोखा के कुछ राजदार भी है जिनके बारे में मोखा ने अभी तक मुंह नहीं खोला है।
अस्पतालों के बिल जब्त किये
बताया जाता है कि पुलिस अधिकारियों ने जब मोखा को गिरफ्तार किया था तब उसका कहीं मोबाइल फोन गिर गया था, मोखा ने पुलिस को रिमांड में बस यही कहा है, हालांकि पुलिस की टीम मोखा को लेकर अस्पताल भी गई लेकिन मोखा का मोबाइल फोन नहीं मिल पाया है, इस मामले में एसआईटी के अधिकारियों का कहना है कि वैसे तो देवेश चौरसिया के मोबाइल फोन से बहुत से डाटा तो कलेक्ट कर ही लिए गए है, इसके अलावा एसआईटी द्वारा अस्पताल के बिलों को भी बरामद कर लिया गया है,
मोबाइल का डाटा निकलवाया जा रहा
अधिकारियों का कहना है कि मोखा जिससे भी बात करता तो बातचीत को रिकार्ड कर लेता था, जिसके चलते मोबाइल को पाने की कोशिश की जा रही है। पांच दिनों में पुलिस रिमांड में मोखा से एसआईटी द्वारा कई दौर की पूछताछ कर चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि अब गुजरात में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में ही कुछ नए खुलासे हो सकते है। इसके अलावा देवेश, मैनेजर सोनिया खत्री, मोखा की पत्नी जसमीत, राकेश के छह मोबाइल का डिलीट हुआ डाटा रिकवर कराने भोपाल भेजा था। दो दिन में इसकी रिपोर्ट एसआईटी को मिल जाएगी। इसी के साथ ये भी पता चलेगा कि किसने पुलिस की पूछताछ में क्या-क्या छिपाया है।
इनका कहना
फिलहाल कोई नई जानकारी हासिल नहीं मिली है। मोखा सहित अन्य आरोपियों से डाटा जल्दी रिकवर कराने की कार्रवाई की जा रही है। सोमवार को आरोपी सरबजीत सिंह मोखा की पुलिस रिमांड खत्म होने पर उसे न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
रोहित कासवनी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, शहर
(एसआईटी प्रभारी)