अलीगढ में जहरीली शराब ने अब तक 52 को निगला

अलीगढ,अलीगढ़ में देशी शराब के ठेके से शराब लेकर सेवन करने वालों की मौत का सिलसिला शनिवार को भी जारी है। गुरुवार रात से लोगों की तबीयत खराब होने लगी और शनिवार तक 52 लोगों ने दम तोड़ दिया। जनपद के सात गांव में गुरुवार रात बड़ी संख्या में लोगों ने देशी शराब का सेवन किया। इनमें से अधिकांश तो लोधा, खैर इलाके के लोग थे। इनमें कुछ ट्रक चालक भी थे, जो कि एचपी बॉटलिंग प्लांट में गैस सिलेंडर लेने आए थे। शुक्रवार को जहां 27 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं शनिवार को यह आंकडा बढकर 52 तक पहुंच गया। कभी भी कई लोग जिंदगी और मौत के बीच में झूल रहे हैं।
शुक्रवार रात तक तीन गांवों में 22 व गभाना के गांव में पांच लोगों की मौत हो गई थी। प्रदेश में शासन-प्रशासन के लाख दावों के बावजूद जहरीली देशी शराब के धंधे पर अंकुश नहीं है। दो अलग घटनाओं में देशी शराब पीने से शुक्रवार को आधा दर्जन गांवों के 27 लोगों की जान चली गई। जिला प्रशासन ने शनिवार दोपहर तक 22 लोगों की मौत की पुष्टि की, लेकिन 36 से अधिक शवों का पंचनामा भरा। सरकारी ठेकों से खरीदी शराब पीने के बाद गुरुवार रात से ही शुरू हुआ मौत का यह सिलसिला शनिवार तक जारी था। गुस्साए लोगों ने सुबह ठेकों के बाहर हंगामा किया।
लोधा, खैर व जवां इलाके के लोगों ने गुरुवार शाम अलग-अलग ठेकों से देशी शराब खरीदकर देर शाम उसका सेवन किया। लोगों को क्या पता था कि वह दुकान से ’मधु‘ नहीं मौत खरीदकर ले जा रहे हैं। लोधा के गांव करसुआ के सुनील को रात करीब नौ बजे उल्टियां होने लगीं, हालत बिगडी तो परिजनों ने उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी मौत हो गई। कुछ देर बाद ही गांव के कुछ अन्य लोगों को उल्टियां शुरू हो गईं। आंखों की रोशनी जाने की शिकायतें आने लगीं। गांव के ही महेश की रात करीब दो बजे मौत हो गई। सुबह तक पांच लोगों के मरने की खबर आ गई, इनमें गैस प्लांट के चार ट्रक ड्राइवर भी शामिल हैं। दोपहर तक गांव रायट, अंडला व जवां में तीन-तीन, जबकि हैबतपुर, फतेह नगरिया, सूजापुर, नंदपुर पला में एक-एक मौत हुई। कुछ शवों का बिना पोस्टमार्टम के ही अंतिम संस्कार कर दिया। एक प्रधान ने तो शुक्रवार को ही 19 लोगों की मौत का दावा कर दिया था। शाम होते-होते गभाना तहसील के गांव सांगौर में पूर्व प्रधान धर्मपाल सहित पांच लोगों की मौत हो गई। प्रशासन व आबकारी विभाग की टीम ने वहां की दुकान को भी सील कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है शराब पीने से ही मौत हुई है। अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं।
इस मामले में महिला सहित चार लोगों को हिरासत में ले लिया। जांच होने तक जिले में देशी शराब की दुकानें बंद करा दी। यहां पर प्रथम–ष्टया जांच में मिलावटी शराब बनाकर सरकारी दुकान से बेचने का मामला सामने आया है। डीएम ने कहा कि इसमें सरकारी ठेकेदार भी लिप्त है। शासन स्तर से जिला आबकारी अधिकारी सहित पांच को निलंबित किया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैठक में गृह व आबकारी विभाग को 48 घंटे अवैध शराब के खिलाफ छापामार अभियान चलाने का निर्देश दिए। इस केस में तीन मृतकों के परिजनों की ओर से अलग-अलग थाने में 12 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई।
जब्त होगी माफिया की संपत्ति
आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री ने विभागीय अधिकारियों के निलंबन के बाद थानाध्यक्ष, सीओ और एसडीएम के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री को संस्तुति की। उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, जल्द जांच रिपोर्ट मांगी है। अन्य जिलों में भी अवैध शराब कारोबार और तस्करी रोकने के लिए कार्रवाई की जा रही है। सभी जगह कानूनी कार्रवाई के साथ शराब माफियाओं के संपत्ति जब्तीकरण करने के निर्देश दिए गए हैं।

 

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