भोपाल,न तो मप्र सरकार और न ही भोपाल जिला प्रशासन शहर को बेलगाम करना चाहता है। कोई भी जोखिम उठाने के लिए तैयार नहीं है। लिहाजा शहर में तेजी से घट रहे संक्रमण और मरीजों की संख्या में कमी के बावजूद जिला प्रशासन 1 जून से भोपाल को पूरी तरह खोलने को तैयार नहीं है। शहर में तेजी से घट रहे संक्रमण और मरीजों की संख्या में कमी के बावजूद जिला प्रशासन बैकलॉग यानी पुराने मरीजों का आंकड़ा नए मरीजों में जोड़कर संक्रमण की दर को जहां 5 प्रतिशत से ज्यादा रखना चाहता है, वहीं नई टेस्टिंग भी नहीं कराई जा रही है, ताकि संक्रमण का प्रतिशत घटने न पाए और शहर एक साथ वो सारी रियायतें हासिल नहीं कर पाए जिससे कोरोना बढऩे का खतरा हो।
प्रदेश के साथ ही भोपाल भी एक जून से अनलॉक होने जा रहा है। इस दौरान रोजमर्रा की चीजों के साथ ही सैलून और किराना दुकानें खुल सकती हैं, लेकिन रेस्टोरेंट, होटल और संक्रमण फैलाने वाले सेक्टर पहले फेज में बंद ही रहेंगे। चिंता की बात सिर्फ यह है कि अब भी भोपाल में संक्रमण रेट का 5 प्रतिशत से ज्यादा होना है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है, फिलहाल पूरी तरह से शहर नहीं खोला जाएगा, लेकिन हम सकारात्मक सोच के साथ काम कर रहे हैं। जल्द ही योजना को फाइनल कर लेंगे। एक-दो दिन में चीजें सामने आ जाएंगी।
रोजमर्रा के जरूरत की दुकानें खुलेंगी
जानकारी के अनुसार 1 जून से राजधानी में अति आवश्यक चीजों के साथ रोजमर्रा जैसे किराने, सैलून, फल, सब्जी के साथ ही अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले सेक्टर खोले जाएंगे। वहीं पहले फेज में रेस्टोरेंट, होटल, मॉल, स्विमिंग पूल और सिनेमा हॉल नहीं खोले जाएंगे। साथ ही प्राइवेट कंपनियां, पान-गुटखा, स्कूल, समारोह में लोगों की संख्या और कंस्ट्रक्शन समेत इसी तरह के अन्य सेक्टर, जिससे लोगों की दिनचर्या प्रभावित नहीं होती उनको खोलने पर विचार किया जा रहा है।
अन्य प्रावधानों पर हो रहा विचार
यह तो तय है कि फिलहाल राजधानी में कई तरह की पाबंदियां रहेंगी। अनलॉक में नाइट कफ्र्यू किस तरह रहेगा। इसके अलावा क्या अभी भी शनिवार और रविवार को लॉकडाउन रहेगा या नहीं इसको लेकर चर्चा की जा रही है। इसी कारण भोपाल में अब तक स्थिति साफ नहीं हो सकी है। भोपाल में कोरोना संक्रमितों की संख्या के अनुसार कॉलोनी में छूट दी जाएंगी। कोरोना के मरीजों की संख्या 5, 10, 15 और 20 के अनुसार छूट की प्लानिंग की गई है। हालांकि पहला फेज 10 दिन का रहे या 15 दिन का होगा, इसे लेकर विचार चल रहा है। इसके अलावा, यह कितने फेज में खोला जाए, इसको लेकर भी क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप को तय करना शेष है।