कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीकन चीता लाने का एक्शन प्लान तैयार

भोपाल, मप्र के कूनो नेशनल पार्क में इस साल अफ्रीकी चीते कुलाचें भरने लगेंगे। केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद अब एनटीसीए ने न केवल टाइम लाइन जारी कर दी है, बल्कि पूरे प्रोजेक्ट का एक्शन प्लान भी तैयार कर लिया है। हालांकि इस पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग 35 करोड़ रुपए खर्च होंगे, लेकिन प्रारंभिक रूप से केंद्र सरकार ने 14 करोड़ रुपए आवंटन की स्वीकृति जारी कर दी है।
गत वर्ष सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारत में अफ्रीकी चीतों को लाने की अनुमति दिए जाने के बाद देश भर में संभावनाएं तलाशी गई, जिसमें कूनो नेशनल पार्क को सबसे मुफीद माना गया। जिसके बाद केंद्र सरकार ने भी मंजूरी दे दी। यही वजह है कि चीतों को कूनो में बसाने के लिए एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है। जिसके मुताबिक पूरे प्रोजेक्ट में 35 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें लगभग 23 करोड़ रुपए की राशि तो कूनो राष्ट्रीय उद्यान में आवश्यक तैयारियों के लिए है, जबकि शेष राशि में चीतों को अफ्रीका से परिवहन कराने सहित अन्य तमाम कार्यों पर खर्च होगी। प्लान बनाने के बाद प्रोजेक्ट के लिए मप्र ने केंद्र से 35 करोड़ रुपए की डिमांड भेजी, जिसमें से पिछले दिनों प्रारंभिक तैयारियों के लिए 14 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी कर दी गई है।
जारी हुई टाइम लाइन
चीता प्रोजेक्ट के लिए कूनो नेशनल पार्क में आवश्यक तैयारियां पूरी करने के साथ ही अफ्रीका से चीता लाने के लिए एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) ने दिसंबर तक के लिए एक पूरी टाइम लाइन जारी कर दी है। जिसके तहत प्रारंभिक तैयारियों के लिए स्वीकृत 14 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी जाएगी, वहीं जुलाई में पिंजरे सहित अन्य आवश्यक उपकरण खरीदे जाएंगे। वहीं अगस्त तक कूनो में 5 वर्ग किमी का विशेष बाड़ा तैयार करना होगा, इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई और जून में काम भी शुरू हो जाएगा। वहीं सितंबर में अफ्रीका से चीता लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और नवंबर-दिसंबर में चीते कूनो आ जाएंगे।
एयर लिफ्ट किए जाएंगे चीते
एनटीसीए द्वारा जारी की गई टाइम लाइन के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका से चीतों को अक्टूबर-नवंबर में एयर लिफ्ट किए जाने का प्लान है। जिसके बाद इन्हें कूनो नेशनल पार्क में 500 हेक्टेयर में बनाए जाने वाले विशेष बाड़े में कुछ माह तक रखा जाएगा और फिर यहां की आबोहवा में ढलने के बाद कूनो के खुले जंगल में स्वच्छंद विचरण को छोड़ दिया जाएगा।

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