सुबोध कुमार ने तेलगी फर्जी स्टांप घोटाले से बटोरी थी सुर्खियां, आतंकी जांच और खुफिया जानकारी जुटाने का है अनुभव

 

मुंबई, महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और सीईएसएफ के महानिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल को सीबीआई का नया महानिदेशक नियुक्त किया गया है. उनका कार्यकाल 2 वर्ष को होगा. जायसवाल 1985 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी हैं. सुबोध जायसवाल महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख रह चुके हैं। साथ ही वो मुंबई पुलिस कमिश्नर का भी पदभार संभाल चुके हैं तथा पुणे मेंअतिरिक्त पुलिस आयुक्त के रूप में भी काम किया है. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जायसवाल को राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर आतंकी जांच और खुफिया जानकारी जुटाने का अनुभव है. एक दशक से अधिक समय तक उन्होंने इंटेलिजेंस ब्यूरो, एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) और रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के साथ भी काम किया है। महाराष्ट्र पुलिस के महानिदेशक के रूप में कार्यभार संभालने से पहले जायसवाल ने अपने गृह कैडर में कई हाई-प्रोफाइल भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की. सीबीआई में आने से पहले उन्होंने तेलगी स्टांप पेपर घोटाले की जांच की. वह राज्य रिजर्व पुलिस बल और राज्य खुफिया ब्यूरो के भी चीफ थे. इसके साथ ही साल 2006 के सिलसिलेवार धमाकों से लेकर 26 नवंबर, 2008 को हुए घातक आतंकी हमले तक, जायसवाल मुंबई में कुछ सबसे बड़ी आपराधिक और आतंकी जांच का हिस्सा रहे हैं. सुबोध जायसवाल तेलगी फर्जी स्टांप घोटाले में अपनी जांच के बाद सुर्खियों में आए थे। सीबीआई को मामला ट्रांसर्फर होने से पहले उऩ्होंने एल्गार परिषद और भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच का जिम्मा संभाला था। उन्हें 2009 में उनकी विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था। ज्ञात हो कि इस समय 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी और सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक प्रवीण सिन्हा सीबीआई निदेशक का प्रभार संभाल रहे हैं। उन्हें यह प्रभार ऋषि कुमार शुक्ला के सेवानिवृत्त होने के बाद सौंपा गया था। वह दो साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद फरवरी में सेवानिवृत्त हुए थे।

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