नई दिल्ली,मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली समेत पूरे देश में वैक्सीन की भारी किल्लत पर कहा कि कोरोना को हराने के लिए सभी राज्य सरकारों को केंद्र सरकार के साथ टीम इंडिया बन कर काम करना होगा। केंद्र सरकार ने राज्यों पर वैक्सीन खरीदने की जिम्मेदारी डाल दी है, लेकिन अभी तक एक भी राज्य वैक्सीन खरीदने में सफल नहीं हुआ है।
केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की अपनी-अपनी जिम्मेदारी है। हम अपनी हर जिम्मेदारी पूरी करेंगे, लेकिन जो काम हमारा है ही नहीं, वह काम राज्य सरकारें कैसे करें? केंद्र सरकार हमें वैक्सीन लाकर दे, जनता को वैक्सीन को लगाने का काम हमारा है। सीएम ने कहा कि छह महीने पहले कई देश अपने लोगों को व्यापक स्तर पर वैक्सीन लगा रहे थे। मेरा मनना है कि उस वक्त हमने बहुत बड़ी गलती कर दी। हमने अपने लोगों को वैक्सीन लगाने की बजाय अपनी वैक्सीन दूसरे देशों को भेजना शुरू कर दी। अगर हम दिसंबर में युद्ध स्तर पर वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाकर भारतीयों का वैक्सीनेशन शुरू कर दिए होते तो, शायद दूसरी लहर के प्रकोप से देश को बचाया जा सकता था। सीएम ने कहा कि देश ने छह महीने खो दिए हैं। अब और देरी की गई तो, न जाने कितनी जानें जाएंगी और कितने घर बर्बाद हो जाएंगे।
-दिल्ली में वैक्सीन न खत्म होने से चार दिनों से युवाओं के वैक्सीनेशन सेंटर बंद हैं, केंद्र सरकार से वैक्सीन मांगी है, लेकिन अभी तक नहीं मिली है : अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री श्री केजरीवाल ने आज डिजिटल प्रेस काॅन्फ्रेंस कर कहा कि दिल्ली में युवाओं की वैक्सीन खत्म हो गई है। पिछले चार दिनों से युवाओं के वैक्सीनेशन सेंटर बंद पड़े हैं। बुजुर्गों की कोवैक्सीन भी खत्म हो गई है। हमने केंद्र सरकार को लिखा है, लेकिन अभी तक वैक्सीन आई नहीं है। यह केवल दिल्ली की बात नहीं है, बल्कि देशभर में कई टीकाकरण केंद्र बंद हो गए हैं। इतनी महामारी के दौर में इस वक्त तो हमें रोज नए-नए केंद्र खोलने चाहिए थे। ऐसे वक्त में मौजूदा केंद्र भी बंद हो रहे हैं, यह अच्छी बात है। देश में वैक्सीन की जबरदस्त किल्लत है। मुझे लगता है कि पिछले महीनों में कई बड़ी गलतियां हुई हैं। अगर अपने देश के लोगों को सही समय पर वैक्सीन लगा दी जाती, तो शायद दूसरी लहर के प्रकोप को काफी कम किया जा सकता था। कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी, कई घर बर्बाद होने से बच सकते थे। कोरोना की दूसरी लहर देश के लिए बेहद घातक साबित हुई है। शायद ही ऐसा कोई परिवार हो, जो कोरोना से अछूता रहा हो। न जाने कितने लोगों ने अपनों को खोया है? कितने घरों के चिराग बुझ गए? न जाने कितने घरों के बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया? न जाने कितनों ने अपनी मां, भाई, बहन और अपने प्रियजनों को खोया है।
-अगर हम दिसंबर में युद्ध स्तर पर वैक्सीन का उत्पादन और भारतीयों को वैक्सीनेशन का काम शुरू कर दिए होते तो शायद दूसरी लहर के प्रकोप से देश को बचाया जा सकता था : अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री श्री केजरीवाल ने कहा कि भारत ने 6 महीने की देरी कर दी। आज से 6 महीने पहले दुनिया के कई देशों ने अपने लोगों को व्यापक स्तर पर वैक्सीन लगाना शुरू कर दिया था। हमने उस वक्त बहुत बड़ी गलती कर दी। अपने लोगों को वैक्सीन लगाने की बजाय अपनी वैक्सीन दूसरे देशों को भेजनी चालू कर दी। जब दुनिया के दूसरे देश अपने-अपने लोगों को बड़े स्तर पर वैक्सीन लगा रहे थे, तब हम अपने लोगों को वैक्सीन लगाने की बजाय अपनी वैक्सीन दुनिया के दूसरे देशों को भेज रहे थे। दुनिया की सबसे पहली वैक्सीन भारत के वैज्ञानिकों ने बनाई। हमें उसी वक्त युद्ध स्तर पर उत्पादन शुरू कर देना चाहिए था और युद्ध स्तर पर सभी भारतीयों को वैक्सीन लगाने का काम शुरू कर देना चाहिए था। यह काम हम दिसंबर से शुरू कर सकते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। अगर उस वक्त समय पर देश को वैक्सीन लगा देते, तो शायद दूसरी लहर के प्रकोप से देश को बचाया जा सकता था। खैर, जो हुआ, उसका अब कुछ कर नहीं सकते।