लखनऊ के एक गांव में कोरोना जैसे लक्षणों से 40 लोगों की मौत

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में भले ही कोरोना के नए मामलों में कमी देखने को मिल रही है, लेकिन सूबे के गांवों में इस वक्त स्थिति काफी खतरनाक है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ग्रामीण इलाके भी इस वक्त कोरोना की मार झेल रहे हैं । लखनऊ के चिनहट ब्लॉक के अमराई गांव में कोरोना के कारण एक परिवार के चार लोगों की एक हफ्ते के भीतर मौत हो गई है, जबकि पूरे गांव में करीब चालीस लोग अपनी जान गंवा चुके हैं । इन सभी लोगों में कोरोना जैसे लक्षण थे।
गांव में कोरोना का कहर झेलने वाला यह परिवार एक होम्योपैथिक डॉक्टर का था, जो कोरोना काल में लोगों की सेवा करने में जुटे थे। अमराई गांव के डॉ. हरिराम यादव की तबीयत अचानक ही बिगड़ी, उनके भाई अवधेश के मुताबिक, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई, अस्पताल ले गए तो जांच हुई, लेकिन रिपोर्ट आने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया.
अवधेश ने बताया कि शाम में हरिराम यादव का निधन हुआ, उसके अगले दिन 62 साल की चाची की भी मौत हो गई. इतना ही नहीं, दो दिन बाद हरिराम यादव की पत्नी सिज्मा यादव, बहू संध्या यादव की तबीयत बिगड़ी और देखते ही देखते दोनों ने दम तोड़ दिया. कोरोना जैसे लक्षणों के बीच एक परिवार पूरी तरह उजड़ गया. अब परिवार में सिर्फ एक 22 साल का मनीष बचा है, जिसे कॉलेज की ढाई लाख फीस भी भरनी है. लेकिन वो भी बेबस हो चला है, मनीष ने ट्विटर के जरिए मुख्यमंत्री से मदद मांगी है, हालांकि उसका ट्विटर अकाउंट ही ब्लॉक हो गया.
कोरोना के कारण लखनऊ के इस गांव में हाहाकार मचा है। ग्रामीणों के अनुसार जब कोरोना अपने पीक पर था, तब करीब 40 लोगों की जान चली गई थी सभी में कोरोना जैसे लक्षण थे । ग्रामीणों का कहना है कि अगर शुरू से ही जांच और अन्य कदम उठाए जाते, तो शायद इतनी जानें न जातीं. ग्रामीणों के मुताबिक, करीब एक हफ्ते पहले टीम टेस्टिंग के लिए आई थी, लेकिन अभी कुछ ही लोगों की टेस्ट रिपोर्ट आई है।
लखनऊ के किनारे बसे इस गांव में एक स्वास्थ्य उपकेंद्र भी है, लेकिन वह भी लंबे वक्त से बंद पड़ा है। हालांकि, यहां के डॉ. सुरेश पांडे का कहना है कि उपकेंद्र का अधिकतम स्टाफ इस वक्त वैक्सीनेशन के काम में लगा है, ऐसे में महीने में एक बुधवार को ये अस्पताल खुलता है और बच्चों की इलाज होता है । आपको बता दें कि यूपी में बीते कुछ दिनों से नए केसों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है । हालांकि, ग्रामीण इलाके अभी भी दहशत में हैं । एक वक्त में यूपी में जहां एक्टिव केस की संख्या तीन लाख तक पहुंच गई थी, वहीं अब ये संख्या घटकर 80 हज़ार से नीचे आ गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *