जबलपुर, मोखा की मुसीबते फिलहाल टलने की नाम नहीं ले रही हैं. अब पुलिस मोखा मामले में धारा ३०४ बढ़ाने में जुट गई है. जानकारी के मुताबिक पुलिस जांच इस निषकर्ष पर पहुंची है कि सिटी अस्पताल संचालक सहित प्रबंधन के कुछ लोगों ने मिलकर प्लानिंग के तहत नकली रेमडेसीविर इंजेक्शन कोरोना संक्रमित भर्ती मरीजों को लगाए हैं, जिसके कारण कुछ मरीजों की असमय मौत हो गई है। गौरतलब है की ओमती थाना में दर्ज प्रकरण में अभी सरबजीत सिंह मोखा और देवेश चौरसिया पर ३०८ लगाई गई थी। वहीं दूसरी तरफ पुलिस हिरासत में आए राकेश शर्मा से चल रही पूछताछ बाद पुलिस राकेश की संलिप्तता होने पर एफआईआर में उसका नाम भी जोड़ेगी। एसआईटी ने देवेश चौरसिया,जसमीत कौर व अन्य से पूछताछ में पाया कि नकली रेमडेसीविर इंजेक्शन मामले में सरबजीत सिंह मोखा का पुत्र हरकरण सिंह संपूर्ण रूप से शामिल है। फरार हरकरण को गिरफ्तार करने के लिए जबलपुर पुलिस की टीम दिल्ली सहित अमृतसर पुलिस से संपर्क बनाए हुए है। हरकरण के गिरफ्तार होने के बाद ही नकली रेमडेसीविर इंजेक्शन के संबंध में विस्तृत जानकारी पुलिस को मिल सकेगी। गौरतलब है कि नकली रेमडेसीविर इंजेक्शन मामले में हरकरण सिंह की भूमिका बेहद संदिग्ध है। हरकरण सिंह के संबंध में इंदौर से लेकर सूरत तक होने की बात भी सामने आई है। मार्च-अप्रैल माह में गुजरात से आने वाले नकली रेमडेसीविर इंजेक्शन के बाक्स को लेकर आने में हरकरण सिंह स्वयं शमिल रहा है। मार्च माह में हरकरण की प्रखर कोहली से मोबाइल पर कई बार बात भी हुई है।