भोपाल, सरकार आंकड़ों में मप्र में कोरोना संक्रमण से 7,394 लोगों की मौत हुई है। लेकिन कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि शिवराज सरकार आंकड़े छुपा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मार्च-अप्रैल में श्मशान और कब्रिस्तानों में 1 लाख 27 हजार 530 शवों में से 1 लाख 2 हजार 2 शवों का कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि कोविड से प्रदेश में कितनी मौतें हुई हैं। कमलनाथ के आरोप के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। कांग्रेस के आरोप से तिलमिलाई भाजपा ने कमलनाथ को चुनौती दी है कि कोरोना से 1 लाख लोगों की मौत का प्रमाण दें या इस्तीफा।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में कोरोना से 30 मार्च से 20 मई तक 1,676 मौतें हुईं। एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना से मरने वालों के परिवार को सरकार 1 लाख रुपए अनु्ग्रह राशि देगी। इसके बाद कमलनाथ ने आरोप लगाया कि सरकार कोरोना से हो रही मौतों के आंकड़े छुपा कर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है।
अपने सोर्सों से जुटाए आंकड़े
उन्होंने बताया कि मौतों के सही आंकड़े उन्होंने खुद अपने सोर्सों से जुटाए हैं। गुरुवार को कांग्रेस विधायकों की वर्चुअल बैठक में कमलनाथ ने इसको लेकर जानकारी ली थी। उन्होंने कहा कि सरकार यह बताए कि कोरोना से ग्रामीण इलाकों में कितनी मौतें हुई हैं? इसे सार्वजनिक करे। कमलनाथ ने बताया कि छिंदवाड़ा के एक गांव नूरा का उन्होंने दौरा किया था, जहां 10 दिन में 15 लोगों की मौत कोरोना से हुई। इसके बाद जब कलेक्ट्रेट में बैठक में इसकी जानकारी ली तो बताया गया कि नूरा गांव में सिर्फ 2 मौतें हुई हैं।
ब्लैक फंगस को महामारी क्यों घोषित नही किया?
कमलनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार 3 दिन पहले राज्य सरकारों से ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने के निर्देश दे चुकी है, लेकिन मप्र सरकार ने 600 से ज्यादा केस मिलने के बाद भी नोटिफिकेशन जारी नहीं किया, जबकि तामिलनाडु सहित 5 राज्य इस बीमारी को महामारी घोषित कर चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ब्लैक फंगस को आयुष्मान भारत योजना में भी शामिल नहीं किया गया।
सैंपल टेस्टिंग का टारगेट रखना अनुचित
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के सैंपल टेस्टिंग का टारगेट रखना अनुचित है। उन्होंने बताया कि इसको लेकर मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की थी, उन्हें सलाह दी थी कि टेस्टिंग का टारगेट मत रखिए। जितने लोगों में लक्षण हैं, सबका टेस्ट कराएं। ताकि संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके।
महंगाई दर साढ़े 10 प्रतिशत से ज्यादा
कमलनाथ ने कहा कि देश में महंगाई दर साढ़े 10 प्रतिशत हो गई है। इसमें डीजल-पेट्रोल के दामों में वृद्धि के कारण 33 प्रतिशत की वृद्धि शामिल है। उन्होंने आरोप लगाया कि मिडिल क्लास को गरीब और गरीब को भिखारी बना दिया गया है।
पटवारी ने भी लगाए थे मौतों के आंकड़े छिपाने के आरोप
गुरूवार को पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सामने इंदौर में हो रही मौतों की एक फाइल उनके सामने रखी थी। पूर्व मंत्री से कहा, मौतों का आंकड़ा छिपाया जा रहा है। जीतू पटवारी ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 3 घंटे की इस समीक्षा बैठक में केवल आंकड़ों की ही प्रशंसा की। सरकार के पास कोरोना वायरस और ब्लैक फंगस जैसी महामारी से लडऩे के कोई ठोस उपाय नजर नहीं आ रहे हैं। पटवारी ने कहा कि लगातार मौत के आंकड़े शासन द्वारा छिपाया जा रहा है। प्रशासन और सरकार अपनी बदनामी छिपा रही है। बैठक खत्म होने के बाद पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, सरकार मौत के आंकड़े छिपा रही है। सरकारी आंकड़े 1300 कह रहे हैं, वहीं मेरे पास पूरी लिस्ट है जो जल्द मैं मीडिया को सौंप दूंगा। 19 अप्रैल से 19 मई तक का एक श्मशान घाट का आंकड़ा निकाल कर जीतू पटवारी सीएम से मिलने पहुंचे थे। राऊ विधायक पटवारी ने रीजनल पार्क स्थित मुक्तिधाम के आंकड़े दिखाते हुए कहा, 866 मौत का आंकड़ा उनके हाथ में है और एक-एक व्यक्ति के मोबाइल नंबर भी इसमें दर्ज है। पंचकुइया मुक्तिधाम में 1500 के अंतिम संस्कार का आंकड़ा दिया है, जो कहीं ना कहीं शहर की स्थिति को बयां करता है। अपनी विधानसभा राऊ का जिक्र करते हुए पटवारी ने कहा कि वहां अब तक 45 हजार की आबादी है। वहां 325 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। एक हजार पर 7 मौत का आंकड़ा होता है।
नरोत्तम बोले- आरोप साबित हुआ तो इस्तीफा दे दूंगा
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथजी को लाशें गिनने की आदत हैं। 1984 के दंगे सबको पता है। यदि कोरोना से एक लाख से ज्यादा मौत के प्रमाण हैं तो सौपें। अन्यथा इस्तीफा दें। यदि वे प्रमाण देंगे तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। राज्यपालजी से आग्रह है कि भय और भ्रम फैलाकर प्रदेश की छवि बिगाड़ रहे नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ पर राष्ट्रदोह का मुकदमा दर्ज करवाएं। मिश्रा ने कहा कि शिवराज सरकार ने अनुग्रह राशि के लिए एक लाख रुपए सहायता की मंजूरी दी। कांग्रेस की सरकारें ऐसा नहीं कर पाईं तो वे बेवजह आरोप लगा रहे हैं। कमलनाथ जी को लाशें गिनने की आदत हैं। 1984 का दंगा पता है सबको। यदि उनके पास प्रमाण है तो सामने रखें एक लाख मौतों का। भय और भ्रम न फैलाएं। राज्यपाल उनके खिलाफ राष्ट्रदोह या जो मुकदमा हो सकता है करवाएं। संवैधानिक पद पर बैठे कमलनाथजी गलत कर रहे हैं।