भोपाल, पिछले सवा महीने से राजधानी में दुकानें बंद होने से कारोबार प्रभावित हो रहा है। व्यापारियों का रोजाना 200 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हो रहा है। व्यापारियों द्वारा कुछ समय के लिए दुकानें खोलने के साथ ही सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाई जा रही है। उनकी बिजली बिल में माफी, बिना ब्याज के ऋण की मांग भी है। मालूम हो कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते 12 अप्रैल से शहर में जिला प्रशासन ने कोरोना कर्फ्यू लगा दिया था। सिर्फ दूध, दवाई, फल-सब्जी एवं करीब 150 किराना दुकानों को होम डिलीवरी करने की छूट दी है। कर्फ्यू 24 मई तक रहेगा। यह आगे भी बढ़ सकता है। इससे व्यापारियों की सांसें फुल रही है, क्योंकि दुकानें बंद होने से जहां उनका नुकसान हो रहा है। वहीं सामान भी खराब होने लगा है। इसलिए वे दुकानें खोलने की अनुमति देने की मांग कर रहे हैं। राजधानी के थोक किराना बाजार से प्रतिदिन 150 टन तक किराना सामग्री शहर समेत आसपास के जिलों में सप्लाई होती है। कर्फ्यू के कारण खपत कम हो गई है, क्योंकि बाजार बंद है। व्यापारी गोदामों से ही सप्लाई कर रहे हैं। दूसरी ओर प्रशासन ने डेढ़ सौ किराना दुकानों से ही होम डिलीवरी करने की छूट दी है, जबकि शहर में छह हजार से ज्यादा छोटी-बड़ी दुकानें हैं। ऐसे में आमजनों तक किराना सामग्री की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है। थोक बाजार में पहले प्रतिदिन की 100 करोड़ रुपये का कारोबार रोजाना होता था। 21 अप्रैल से शादी-ब्याह का सीजन शुरू हो गया, लेकिन कर्फ्यू इससे पहले ही लागू हो गया था। इस कारण अप्रैल व मई के करीब 20 मुहूर्त में शादियां नहीं हो पाई और कपड़ा, किराना, आभूषण, मैरिज गार्डन, टेंट, कैटर्स, डेयरी आदि कारोबार ठप हो गए। व्यापारियों की मांग है कि उनको बिना ब्याज के पांच लाख रुपये तक का लोन दिया जाए। पहले से जिन व्यापारियों ने बैंकों से लोन ले रखा है। उनका ब्याज छह महीने के लिए खत्म हो। व्यापारियों का न्यूनतम राशि पर स्वास्थ्य बीमा हो। कोरोना कर्फ्यू अवधि के दौरान के बिजली बिल माफ हो। प्रापर्टी टैक्स, दुकान किराया में छूट दें। निगम कोई अतिरिक्त सरचार्ज भी न लगाए। व्यापारी छह घंटे के लिए दुकान खोलने की अनुमति चाहते हैं। ताकि दुकान-गोदाम में रखा माल बेचा जा सके। अप्रैल के आयकर रिटर्न व जीएसटी फाइल करना है। इसलिए वे दुकानें खोलना चाह रहे हैं। सवा महीने से घरों में कैद होकर लोग भी उब गए हैं। साथ ही जरूरी वस्तुओं की भी किल्लत हो रही है। इसलिए लोग भी राहत चाहते हैं। 24 मई के बाद प्रशासन बाजारों के संबंध में कुछ राहत दे सकता है। दूध व फल-सब्जी दुकानों से समय की पाबंदी हट सकती है तो किराना समेत अन्य दुकानों को कुछ घंटों की छूट मिल सकती है। इसके अलावा सप्ताह में एक-दो दिन दुकानें खोलने के लिए प्रशासन आदेश जारी कर सकता है। इस बारे में भोपाल किराना महासंघ के महासचिव अनुपम अग्रवाल का कहना है कि शहर की सभी थोक एवं फुटकर किराना दुकानों को सुबह छह से दोपहर 12 बजे तक खोलने की अनुमति प्रशासन दें। वर्तमान में होम डिलीवरी की व्यवस्था पूरी तरह से कारगर नहीं है। वहीं न्यू मार्केट व्यापारी महासंघ के सचिव अजय देवनानी का कहना है कि कोरोना कर्फ्यू में व्यापारियों का खासा नुकसान हो रहा है। इसलिए बाजार खोले जाने चाहिए। इसके अलावा सरकार व्यापारियों को बिना ब्याज पर लोन दें। बिजली बिल, दुकान किराया माफ करें और किसी प्रकार का अतिरिक्त कर न थोपे।