अस्पताल नहीं दे रहे आयुष्मान योजना में इलाज, 161 अस्पतालों में 1000 से अधिक बेड हैं आरक्षित

भोपाल,आयुष्मान योजना के तहत राजधानी के 172 अस्पतालों में भले ही एक हजार से ज्यादा बेड आरक्षित किए गए हों, लेकिन ज्यादातर अस्पताल मरीजों को भर्ती को तैयार नहीं हैं। यह केवल भोपाल की स्थिति नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में यही हालात है। हद यह है कि स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को नहीं पता कि योजना के तहत कितने लोगों का इलाज चल रहा है। योजना के तहत आयुष्मान कार्डधारी लोगों का पांच लाख रुपए तक का कोविड उपचार सरकार कराएगी, लेकिन तब जब अस्पताल योजना में किसी को भर्ती करेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के 10 दिन बाद भी कोरोना संक्रमित मरीजों को आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। आयुष्मान योजना का लाभ न देने की 250 शिकायतें प्रशासन को मिल चुकी हैं। यह स्थिति तब है जब सरकार ने अस्पतालों को स्पष्ट कहा है कि निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के लिए 20 फीसदी बेड खाली रखने होंगे। बेड खाली होने पर वे इलाज करने से मना नही कर सकते। आयुष्मान योजना कार्ड धारक मरीजों का इलाज योजना के तहत करना होगा और उनसे कोई रकम नहीं वसूली जाएगी।
भोपाल में 172 अस्पताल अधिकृत
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमित मरीजों को आयुष्मान योजना का लाभ देने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 26 अप्रैल को घोषणा की थी। भोपाल जिले में 161 गैर सरकारी और 11 सरकारी अस्पताल आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने के लिए सरकार की तरफ से अधिकृत है। बावजूद इसके 68 निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को अब तक आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। भोपाल के चिरायु अस्पताल प्रबंधन के तो योजना लागू करने से साफ इंकार और मरीजों के परिजनों से बदसलूकी के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं, लेकिन सरकार नोटिस देने के अलावा मरीजों के परिजनों से लाखों वसूल करने वाले अस्पताल पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाई है।
राजधानी में 18 आयुष्मान मित्र सक्रिय
आयुष्मान योजना का लाभ दिलाने के लिए सरकार द्वारा आयुष्मान मित्र की भी नियुक्ति की गई है। भोपाल जिले में 18 आयुष्मान मित्र हैं, जो मरीज के परिजनों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिलाने में मदद करते हैं। बता दें, कोरोना संक्रमित मरीजों को अगर आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल रहा हो तो 181नंबर पर कॉल करके शिकायत की जा सकती है। इसके अलावा 1075 और आयुष्मान भारत हेल्पलाइन 14555 पर भी कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आयुष्मान कार्ड के बढ़ते विवादों को लेकर 18002332085 टोल फ्री नंबर भी परिजनों के लिए जारी किया गया है।
घोषणा के बाद जारी हुई थी निजी अस्पतालों की सूची
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 26 अप्रैल को आयुष्मान योजना की घोषणा की थी। घोषणा के बाद 5 मई को 68 निजी अस्पतालों की सूची जारी की गई थी। निजी अस्पतालों की अधिकृत सूची जारी होने के बाद भी अस्पतालों ने कार्ड से इलाज के बाद नगद राशि मांगना जारी रखा। निजी अस्पतालों का कहना है पुरानी तारीख से योजना का लाभ देते हैं, तो फिर वो मरीज भी लाभ लेने के आगे आएंगे जो डिस्चार्ज हो गए हैं।

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