भोपाल, राजधानी में कोरोना वायरस के उपचार में काम आने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का सरगना आकाश दुबे अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढा है। पुलिस उसे पांच दिन से ढूंढ रही है लेकिन वह अब तक फरार है। पुलिस अब आकाश पर ईनाम घोषित करने की तैयारी कर रही है। पुलिस ने उसकी घेराबंदी करने के लिए उसके बैंक खातों को खंगालना शुरू कर दिया है। पुलिस ने तीन आरोपितों द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने के लिए ऑनलाइन खाते में जमा किए 85 हजार का रिकॉर्ड मिल गया है। आकाश जमानत लेने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है। इसलिए वह वकीलों के संपर्क में है। इधर, पुलिस उस पर इनाम घोषित करने की तैयारी कर रही है। जानकारी के अनुसार अंकित सलूजा, दिलप्रीत सलूजा व आकर्ष सक्सेना ने आकाश दुबे से रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने के लिए उसके खाते में अंकित सलूजा ने 85 हजार रुपए डाले थे। यह रकम दो बार में डाली गई है। पहली बार 25 हजार रुपए जबकि दूसरी बार में 60 हजार रुपए डाले गए हैं। पुलिस ने बैंक खाते खंगाले तो उनका रिकार्ड मिल गया। इधर, मंगलवार को जिला अदालत ने आकाश दुबे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने मामला गंभीर किस्म का मानते हुए अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है। हम बता दें कि कोलार थाना पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले तीन आरोपी अंकित सलूजा, दिलप्रीत सलूजा व आकर्ष सक्सेना को गत 13 मई की रात को गिरफ्तार किया था। मामले में मुख्य आरोपित कोलार रोड जेके अस्पताल का आइटी मैनेजर आकाश दुबे फरार हो गया था। उसकी तलाश पुलिस कर रही है। अब तक उसका कोई सुराग नहीं लगा है। आकाश के पिता रिटायर्ड डीएसपी हैं। पुलिस जल्द इनाम घोषित एएसपी अंकित जायसवाल ने बताया कि आरोपित की पुलिस तलाश कर रही है। अगर वह जल्द ही हाथ नहीं आता है तो उस पर इनाम घोषित किया जाएगा। जिसके लिए प्रक्रिया पूरी की जा रही है। पुलिस ने दावा किया कि आकाश की गिरफ्तारी के लिए उसके संभावित ठिकानों में दबिश दी गई, लेकिन उसका सुराग नहीं मिला।