प्रयागराज, योगी सरकार ने शवों को गंगा नदी में प्रवाहित करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। सीएम के आदेश का सख्ती से पालन कराने के लिए नदियों के किनारे एसडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें भी लगातार पेट्रोलिंग कर रही हैं, ताकि लोग शवों को नदी में प्रवाहित न कर सकें। आईजी (प्रयागराज रेंज) केपी सिंह का कहना है कि जो भी शव कोरोना काल में नदियों के किनारे दफनाये गए हैं वो कोविड मरीजों के कतई नहीं हैं, बल्कि ये शव सामान्य मौतों के ही हैं। आईजी ने बताया कि लोगों से अपील भी की जा रही है कि अगर उनके यहां शवों के दफनाने की परम्परा है तो अपने खेतों शवों को दफन करें।
आईजी ने बताया कि जहां तक कोविड से से हुई मौतों के बाद शवों के अंतिम संस्कार का मामला है, प्रयागराज में फाफामऊ घाट को इसके लिए पहले ही तय कर दिया गया था। उनके मुताबिक सीएम योगी के निर्देश को बाद कोविड से हुई मौतों के अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को 5 हजार रुपये भी दिए जा रहे हैं। इसके लिए फाफामऊ घाट पर पुलिस बूथ के साथ ही नगर निगम के भी कर्मचारी बैठ रहे हैं, जो कोविड से मौत होने का प्रमाण पत्र देखने के बाद अंतिम संस्कार के लिए धनराशि मुहैया करा रहे हैं। श्मशान घाटों पर ज्यादा पैसे न लिए जाएं, इसके लिए लकड़ियों के भी रेट तय कर दिए गए हैं। आईजी केपी सिंह ने बताया कि शवों को अस्पतालों से श्मशान घाटों तक लाने के लिए एम्बुलेंसों के ज्यादा पैसे वसूलने की शिकायत आने के बाद डीएम प्रयागराज की ओर से एम्बुलेंस का किराया भी दूरी के हिसाब से तय कर दिया गया है। इसके साथ ही इस मामले में कोई शिकायत मिलने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है। उन्होंने कहा है कि गंगा नदी में प्रदूषण न हो इसके लिए शासन के निर्देश पर कठोर कदम उठाये जा रहे हैं।