जबलपुर, सरकारी फीवर क्लीनिक में कोरोना संदिग्धों की आरटीपीसीआर टेस्ट के नमूने कम होने के साथ ही निजी सीटी स्कैन सेंटर में लोगों की भीड़ बढ़ गई है। डॉक्टरों की सलाह पर अब ज्यादातर कोरोना संक्रमण की जल्द पहचान के लिए अब सीटी स्कैन का सहारा ले रहे हैं। इससे निजी सीटी स्कैन सेंटर में कोरोना संदिग्ध की भीड़ बढ़ गई है। मरीजों की कतार और मजबूरी का फायदा उठाकर निजी सीटी स्कैन सेंटर में चेस्ट स्कैन के लिए दोगुना शुल्क वसूल रहे हैं। निजी सेंटर्स की मनमानी से कोरोना संदिग्ध की जांच के साथ ही लूट का शिकार हो रहे हैं।
मजबूरी बन गई सीटी स्कैनिंग
जिले में कुछ दिनों से कोरोना संदिग्ध की सैम्पलिंग कम हो गई है। आरटीपीसीआर टेस्ट की जांच रिपोर्ट भी ४ से ५ दिन बाद मिल रही है। इससे संक्रमित का सही समय पर उपचार शुरू नहीं होने से हालत बिगड़ जाती है। इससे बचने के लिए तुरंत सीटी स्कैन कराने संदिग्ध मजबूर हो रहे हैं। ज्यादातर लोगों की शिकायत है कि फीवर क्लीनिक में दोपहर १२ बजे के बाद जाने पर किट समाप्त होने की बात कहर जांच से मना कर दिया जाता है। एंटीजन रैपिड टेस्ट पर कई चिकित्सक पूरा भरोसा नहीं करते। इसलिए संक्रमण का पता लगाने और जरुरत पर तुरंत उपचार शुरूकरने के लिए सीटी स्कैन कराने के लिए भेज रहे हैं।
रेकॉर्ड में शामिल नहीं हो रहे ये संक्रमित
निजी अस्पताल में भी कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए सीटी स्कैन तुरंत कराया जा रहा है। निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर भी आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट देर से मिलने के कारण मरीजों को सीटी चेस्ट कराने के लिए कह रहे हैं। इससे दो-तीन घंटे में मरीज को चेस्ट स्कैन रिपोर्ट मिल जा रही है। सीटी स्कैन में संक्रमण का पता चलने पर डॉक्टर उसे कोरोना की दवा सहित उचित परामर्श दे रहे हैं। सीटी स्कैन में संक्रमित मिल रहे व्यक्तियों की जानकारी सरकारी रिकॉर्ड में कोरोना पॉजिटिव गिना नहीं जा रहा है। इस कारण इन संक्रमित को स्वास्थ्य विभाग की निगरानी और दवाइयां भी उपलब्ध नहीं हो रही हैं। इस फेर में प्रशासन ने भी सीटी स्कैन सेंटर को ढील मिल गई है। धड़ल्ले से जांच के साथ मनमाना शुल्क वसूल रहे हैं।
आरटीपीसीआर टेस्ट कम होने से बढ़ा सीटी स्कैन, जबलपुर में इसकी वसूल रहे मनमानी फीस
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