भोपाल, उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर के कॉलेजों में 17 मई से ग्रीष्मावकाश घोषित किया है। अब ऐसे में कॉलेजों के प्रोफेसर अपना पीएचडी रिसर्च वर्क को पूरा करने में लगेंगे। ऐसे में ग्रीष्मावकाश के बाद उच्च शिक्षा विभाग में कई रिसर्च पेपर जमा होंगे तो शासन स्तर पर रिसर्च का दायरा बढेगा। विभाग ने प्रदेश के सभी प्रोफेसरों को 40 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश दे दिया है। इसके चलते प्राचार्यों ने आदेश निकालना शुरू कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, खेल अधिकारी, ग्रंथपाल, लैब टेक्नीशियन, अतिथि विद्वान और जनभागीदारी के अतिथि विद्वान अपने कालेजों में उपस्थित होकर ग्रीष्मकालीन अवकाश के लिए रजिस्टर पर हस्ताक्षर करेंगे। वे 17 मई से 30 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश पर रहेंगे। आदेश में नोट लगाया गया है कि सभी प्रोफेसर और कर्मचारियों को अवकाश के दौरान प्रवेश और परीक्षा संबंधी कार्य होने पर वापस कालेज में हाजिर होने के लिए सूचित किया जाएगा। हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए विभाग के जून के अंतिम सप्ताह में परीक्षाएं शुरू कर सकता है।
छुट्टी में प्रोफेसर करेंगे रिसर्च वर्क पूरा
सभी कॉलेजों के प्रोफेसर अपने-अपने रिसर्च वर्क को ग्रीष्मावकाश की छुट्टियों में पूरा करेंगे। इससे विभाग के पास काफी संख्या में रिसर्च वर्क जमा होंगे। राज्य में शोध का स्तर बढेगा।