काठमांडू, संसद में विश्वासमत गंवाने के कुछ दिन बाद के पी शर्मा ओली ने शुक्रवार को तीसरी बार नेपाली प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। ओली को इस पद पर फिर से नियुक्त किया गया, जब विपक्षी पार्टियां नई सरकार बनाने के लिए संसद में बहुमत हासिल करने में विफल रहीं। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष ओली (69) को फिर से प्रधानमंत्री नियुक्त किया। इसके तीन दिन पहले वह प्रतिनिधि सभा में अहम विश्वास मत हार गए थे। ओली 11 अक्टूबर, 2015 से तीन अगस्त, 2016 तक और फिर 15 फरवरी, 2018 से 13 मई, 2021 तक प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
सदन में ओली के विश्वास मत हराने के बाद राष्ट्रपति ने विपक्षी पार्टियों को बहुमत के साथ नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने के लिहाज से रात नौ बजे तक का समय दिया था। बृहस्पतिवार तक, नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा को अगले प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी दावेदारी रखने के लिए सदन में पर्याप्त मत मिलने की उम्मीद थी। उन्हें सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ का समर्थन प्राप्त था। लेकिन ओली के साथ अंतिम वक्त में बैठक करने के बाद माधव कुमार नेपाल के रुख बदलने पर देउबा का अगला प्रधानमंत्री बनने का सपना टूट गया।
नेपाल में विपक्षी पार्टियां नहीं बना सकी सरकार, फिर से सत्ता पर आसीन हुए के पी शर्मा ओली
