मुख्यमंत्री उपचार योजना का लाभ उन्हें भी दो जो इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आते

भोपाल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि आयुष्मान भारत योजना को अस्थाई तौर पर कोविड के इलाज के लिए लागू करना सरकार की अच्छी पहल है। उन्होंने कहा है, योजना में उन सभी लोगों को शामिल करें, जो इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आते।
दिग्विजय ने कहा कि ऐसे लोगों में से अधिकांश लोग आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं। किंतु उनका गरीबी रेखा में नाम नहीं होने के कारण योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा। आपातकाल में अपने नागरिकों के जीवन की रक्षा करना शासन का प्रथम कर्तव्य है, जिसे सरकार को निभाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में मध्यप्रदेश की अनुमानित जनसंख्या करीब 8.5 करोड़ से अधिक है। इनमें करीब 2.5 करोड़ लोगों के पास आयुष्मान कार्ड है। शेष 6.5 करोड़ लोग इस योजना के अंतर्गत नहीं आते। इनमें करीब 80 प्रतिशत गरीब और मध्यम वर्ग के लोग हैं, जो निजी अस्पतालों में कोविड का महंगा इलाज करवाने में असमर्थ हैं। सरकार को इन लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए।
दिग्विजय सिंह ने दिए सुझाव
मध्यमवर्गीय परिवार के जिन लोगों ने निजी तौर पर स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी ले रखी है, उन लोगों को कैशलेस उपचार के लिए अस्पतालों को बाध्य किया जाना चाहिए। मरीज को भर्ती करने से पहले नकद जमा करवाने के लिए मजबूर करने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जाए।
पॉलिसी के तहत उपचार करवाने वालों से अस्पतालों द्वारा ज्यादा राशि की बिलिंग की जाती है। बीमा पॉलिसी धारक मरीजों के अनाप-शनाप बिलिंग करने की अस्पतालों की प्रवृत्ति पर रोक लगाएं।
शासकीय कर्मचारियों और पेंशनरों व उनके परिवार के सदस्यों के लिए कांग्रेस शासन द्वारा लागू स्वास्थ्य बीमा योजना के क्रियान्वयन पर लगी रोक हटाकर निजी अस्पतालों में कैशलेस सुविधा उपलब्ध कराएं।
निजी अस्पतालों में उपचार और हर प्रकार की सुविधा के लिए दरें निर्धारित करें। उपचार और सुविधाओं को दरों को अस्पताल में चस्पा किया जाना चाहिए।

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