नई दिल्ली, भारत इस समय कोरोना की दूसरी लहर के बुरी तरह जूझ रहा है। ऐसे में सभी राज्य इसको लेकर अलग-अलग रणनीतियां अपना रहे हैं। देश के कई जिलों और राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति है। इस बीच वैक्सीन ही एकमात्र सहारा नजर आता है। आने वाले कुछ महीनों में देश के कोविड -19 वैक्सीन उत्पादन में तेजी लाई जाएगी क्योंकि पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और हैदराबाद के भारत बायोटेक दोनों अपनी मासिक उत्पादन क्षमता बढ़ा रहे हैं और आने वाले चार महीनों के लिए केंद्र को अपनी योजना सौंप चुके हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड -19 के खिलाफ लोगों को टीका लगाने के मामले में 7 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के साथ हुई एक बैठक में कहा कि भारत का वैक्सीन उत्पादन मई में 8 करोड़ और जून में 9 करोड़ खुराक तक पहुंचने की संभावना है। महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली जैसे कुछ राज्यों में टीकाकरण की गति तेज हो गई है। दोनों वैक्सीन निर्माताओं ने जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर के लिए अपनी उत्पादन योजना केंद्र और ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को प्रस्तुत की है। योजना के अनुसार, भारत बायोटेक जुलाई में कोवैक्सिन का उत्पादन बढ़ाकर 3.32 करोड़ और अगस्त में 7.82 करोड़ करने के लिए तैयार है। सीरम इंस्टीट्यूट का उद्देश्य अगस्त में 10 करोड़ खुराक तक उत्पादन बढ़ाना है। हैदराबाद की भारत बायोटेक सुविधा के अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र की तीन कंपनियों में मुंबई की हाफ़किन बायोफर्मासिटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, हैदराबाद की इंडियन इम्युनोलॉजिकल लिमिटेड और बुलंदशाह की भारत इम्युनोलॉजिकल्स एंड बायोलॉजिकल्स लिमिटेड को कोवैक्सिन का उत्पादन करने की अनुमति दी गई है।