नई दिल्ली, बीते एक महीने के दौरान कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच वैक्सीन की कमी को लेकर काफी चिंताएं व्यक्त की गई हैं। एक मई से 18+ वालों के भी वैक्सीनेशन की शुरुआत कर दी गई लेकिन वैक्सीन की कमी के कारण गति धीमी रही है। लेकिन अब आगामी कुछ महीनों में वैक्सीन की कमी जैसी समस्या नहीं होगी। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने जानकारी दी है कि आगामी अगस्त से दिसंबर महीने के बीच देश के पास 216 करोड़ वैक्सीन डोज होंगे। उन्होंने इसे लेकर विस्तृत जानकारी दी है।
डॉ. पॉल ने बताया है कि अगस्त से दिसंबर तक कोविशील्ड के 75 करोड़ डोज मौजूद होगी। इसके अलावा कोवैक्सीन के 55 करोड़ डोज, बायो ई सब यूनिट से 30 करोड़ वैक्सीन डोज, जायडस कैडिला की वैक्सीन के 5 करोड़ डोज, एसआईआई की नोवावैक्स के 20 करोड़ डोज, भारत बायोटेक की नैजल वैक्सीन के 10 करोड़ डोज, जिनोवा एमआरएनए वैक्सीन के 6 करोड़ डोज, स्पूतनिक के 15.6 करोड़ भी मौजूद होंगे।
-35.6 करोड़ वैक्सीन हुई प्रोक्योर
नीति आयोग ने सदस्य डॉ. वीके पॉल ने यह भी बताया है कि अब तक देश में कोरोना वैक्सीन के करीब 18 करोड़ डोज लगाए जा चुके हैं। अमेरिका में ये संख्या 26 करोड़ है। भारत का दुनिया में तीसरा नंबर है। जानकारी दी गई है कि पूरी दुनिया में हमारे देश में 13 प्रतिशत वैक्सीन लग चुकी है। दूसरी वेव के आने के बाद भी 17 करोड़ का मार्ग हमने सबसे मुश्किल समय में पूरा कर के दिखाया। अभी 35.6 करोड़ वैक्सीन प्रोक्योर की जा चुकी है। भारत सरकार ने 12 करोड़ डोज को प्रोक्योर किया है। 16 करोड़ डोज राज्य सरकारों और प्राइवेट अस्पतालों ने प्रोक्योर किए हैं।
कोवैक्सीन के प्रोडक्शन को बढ़ाने की पूरी तैयारी
इससे पहले केंद्र सरकार की तरफ से घोषणा की गई है कि स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन का उत्पादन मई-जून महीने में दोगुना कर दिया जाएगा। प्रोडक्शन को तेजी से बढ़ाया जा रहा है। सितंबर महीने तक हर महीने दस करोड़ वैक्सीन डोज का उत्पादन होने लगेगा। केंद्रीय विज्ञान और तकनीक मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक आत्मनिर्भर भारत मिशन 3.0 के तहत स्वदेशी वैक्सीन्स को बढ़ावा दिया जाएगा। इसी मिशन के तहत भारत सरकार का बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट वैक्सीन प्रोडक्शन के लिए फंड मुहैया करा रहा है। वर्तमान में स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन का हर महीने एक करोड़ डोज का प्रोडक्शन किया जा रहा है। जल्द ही ये दोगुना किया जाएगा और फिर जुलाई-अगस्त तक इसे 6-7 गुना तक बढ़ाया जाएगा। सितंबर 2021 तक हर महीने इस वैक्सीन के दस करोड़ डोज प्रोड्यूस किए जाएंगे।