भोपाल, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दसवीं परीक्षा के मूल्यांकन के लिए विकल्प तय करने की जिम्मेदारी दी है। उधर मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं-बारहवीं की बोर्ड परीक्षा एक महीने टालने के बाद अब प्रायोगिक परीक्षा भी स्थगित कर दी गई है। यह परीक्षाएं बीस मई तक होना थी। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा मंडल ने आदेश जारी कर दिए थे। वहीं स्कूल शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं और और बारहवीं की परीक्षा को एक महीने के लिए टालने का फैसला किया था। इसमें प्रदेश भर से करीब 19 लाख विद्यार्थी शामिल होंगे। वहीं मंडल की दसवीं बोर्ड की परीक्षा पर असमंजस बरकरार है। हालांकि दसवीं बोर्ड के छात्रों की परीक्षा निरस्त किए जाने की संभावना है, लेकिन विभाग पास करने के स्वरूप पर अभी तक कोई निर्णय नहीं ले पाया है। अब सिर्फ बारहवीं की परीक्षा होगी। दसवीं के विद्यार्थियों को एमपी बोर्ड द्वारा सीबीएसई की तर्ज पर जनरल प्रमोशन नहीं दिया जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार पहले भी स्पष्ट कर कर चुके हैं कि दसवीं के विद्यार्थियों के मूल्यांकन के लिए मापदंड पर विचार किया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि नियमित विद्यार्थियों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर नंबर दे दिए जाएंगे, जबकि निजी विद्यार्थियों की परीक्षा करा ली जाए। इस पर हल नहीं निकलने पर सभी छात्रों को जनरल प्रमोशन देने का विकल्प भी खुला हुआ है। मंडल के सचिव उमेश कुमार सिंह की ड्यूटी बंगाल चुनाव में लगाई गई थी। वहां से लौट आए हैं। अब मंडल की दसवीं की परीक्षा को लेकर निर्णय करेंगे। इस बारे में स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि मंडल की दसवीं की परीक्षा नहीं ली जाएगी। रिजल्ट किस आधार पर तैयार होगा। इसके लिए मंडल के अधिकारियों को विकल्प पर विचार करने के लिए कहा है।