इन्दौर, संत भय्यू महाराज की मां कुमुदनी देशमुख के अंतिम संस्कार के दौरान भी भय्यू महाराज की दूसरी पत्नी आयुषी और बेटी कुहू के बीच मुखाग्नि देने के लिए वर्चस्व की लड़ाई नजर आई। 90 वर्षीय मां लंबे समय से बीमार थी और विजय नगर स्थित बंगले में बहु आयुषी के साथ रहती थी। शनिवार को उनका निधन हो गया। इसकी जानकारी मिलने के बाद पोती कुहू भी पुणे से अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए इन्दौर आई थी।
दोपहर साढ़े 12 बजे शवयात्रा मेघदूत नगर मुक्तिधाम पहुंची। कुहू ने दादी का अंतिम संस्कार करने की इच्छा जताई, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब मुखाग्नि देने के बारी आई तो आयुषी के साथ कुहू ने भी अपना हाथ आगे बढ़ाया। इस बीच वह चिल्लाकर बोली कि मेरी दादी के अंतिम संस्कार का हक मुझे भी है। कुहू के साथ आए लोगों ने भी इस पर आपत्ति जताई। इस मामले में कुहू का कहना है कि मैं चाहती थी कि दादी की मुखाग्नि मैं करुं। मैंने कहा कि दोनों को मौका मिले, लेकिन मुझे मुखाग्नि देने से वंचित रखा गया। इस मामले में आयुषी की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। संत भय्यू महाराज ने दो साल पहले आत्महत्या कर ली थी। पहली पत्नी की मौत के बाद उन्होंने आयुषी ने शादी कर ली थी। फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा है। इस केस में महाराज की मां कुमुदनी भी गवाह थीं।