नई दिल्ली, कोरोना वायरस के कहर के बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आईएमए ने एक बार फिर से देश में कंप्लीट लॉकडाउन की मांग को दोहराया। आईएमए ने कहा कि देश में कोरोना के भयावह हालातों से निपटने में स्वास्थ्य मंत्रालय सुस्त है। आईएमए के पूर्ण लॉकडाउन की मांग को केंद्र ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। देश में पूर्ण लॉकडाउन लगाने की जरूरत है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को ‘जग जाना’ चाहिए और कोविड-19 महामारी से पैदा हो रही चुनौतियों से निपटने के लिए कदम उठाना चाहिए। डॉक्टरों के संगठन ने एक बयान में यह भी आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने के लिए उपयुक्त कदम नहीं उठाए। आईएमए का कहना है कि कोरोना की जानलेवा दूसरी लहर से निपटने के लिए एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्रालय को देशभर में पूर्ण लॉकडाउन का सुझाव दिया था, मगर उनके प्रस्ताव को दरकिनार कर दिया गया। वह स्वास्थ्य मंत्रालय की कार्यशैली से आश्चर्यचकित हैं। आईएमए का आरोप है कि कोरोना से निपटने के लिए जो भी फैसले लिए जा रहे हैं, उनका जमीन से कोई लेना देना नहीं है। आईएमए ने अपने पत्र में लिखा है कि वह पिछले 20 दिन से केंद्र सरकार से योजनाबद्ध तरीके से देशभर में पूर्णलॉकडाउन लगाने की मांग कर रही है, लेकिन उनके सुझावों पर सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। आईएमए ने कहा कि राज्यों द्वारा अलग-अलग लॉकडाउन लगाने से कुछ नहीं होगा। रात में कर्फ्यू लगाने को कोई फायदा नहीं। जब तक कि राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन नहीं लगाया जाए। साथ ही आईएमए ने सरकार से अनुरोध किया कि चिकित्सकों को सुविधा और समय दिया जाए, ताकि वह इस महामारी से ठीक तरीके से निपट सकें। अगर केंद्र सरकार ने उनकी सलाह मानकर पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया होता तो रोज 4 लाख मामले देखने को नहीं मिलते। बता दें कि पिछले चार दिनों से लगातार देश में चार लाख से अधिक कोरोना केस सामने आ रहे हैं।