विश्नोई का सवाल क्या दमोह उपचुनाव चुनाव में हार की जबावदारी टिकट बांटने वाले और चुनाव प्रभारी भी लेंगे?

भोपाल, दमोह उपचुनाव को लेकर बीजेपी की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आने लगी है। पार्टी प्रत्याशी ने जहां हार का ठीकरा जीताने की जिम्मेदारी लेने वालों पर फोड़ कर सरकार और संगठन को सकते में ला दिया है। वहीं संगठन द्वारा मलैया परिवार पर की गई कार्रवाई के बाद जबलपुर के बीजेपी विधायक अजय विश्नोई भी खुलकर सामने आ गए हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से उन्होंने सवाल उठाया है कि चुनाव में हार की जबावदारी क्या टिकट बांटने वाले और चुनाव प्रभारी भी लेंगे?
पाटन से विधायक एवं पूर्व स्वास्थ मंत्री रह चुके अजय विश्नोई समय-समय पर अपनी बात पार्टी फोरम और इससे इतर भी रखते रहे हैं। इस बार भी उन्होंने दमोह उपचुनाव की हार पर सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात रखी है। उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी का कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन से 17 हजार 28 मतों के भारी अंतर से हुई हार पर उनकी यह प्रतिक्रिया आई है।
टिकट बांटने वाले और चुनाव प्रभारी की तय होनी चाहिए जवाबदारी
बीजेपी विधायक विश्नोई ने कहा कि चुनाव में प्रत्याशी चयन से लेकर प्रचार और रणनीति बनाने वालों की भूमिका होती है। पार्टी ने वहां कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव को जवाबदारी सौंपी थी। पार्टी की ओर से 20 मंत्री, 50 विधायक, पांच सांसद सहित सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कमान संभाल रखी थी। इसके अलावा सह संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा व आशुतोष तिवारी समेत तीन संगठन मंत्रियों के अलावा संगठन महामंत्री सुहास भगत भी प्रचार करने गए थे। दो दिन प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने डेरा डाले रखा। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल भी डटे रहे। क्या इतनी बड़ी फौज पर मलैया का परिवार भारी पड़ गया। पार्टी को इस हार पर आत्मचिंतन करना चाहिए।
17 हजार के बड़े वोटों से कांग्रेस की हुई है जीत
दमोह उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन ने भाजपा के राहुल सिंह लोधी को 17028 के बड़े अंतर से हराया है। सात महीने पहले ही कांग्रेस छोड़कर राहुल बीजेपी में आए थे। अब कांग्रेस के उम्मीदवार से ही चुनाव हार गए। राहुल सिंह पहली बार ही विधायक बने थे और 15 महीने बाद ही इस्तीफा दे दिया था। हारने के बाद राहुल सिंह लोधी ने बीजेपी नेताओं पर ठीकरा फोड़ा है। उन्होंने कहा कि जिन नेताओं को शहर की जिम्मेदारी दी गई थी, वो अपना वार्ड ही नहीं जितवा पाए और पूरे शहर के सभी वार्ड हार गए। यह पूरी तरह से भितरघात की वजह से हार हुई है। जो लोग कहते थे कि पार्टी हमारी मां है और मां से गद्दारी नहीं कर सकते हैं, उन्होंने पूरी ताकत से बेईमानी की है और जबरदस्त भितरघात किया है।

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