नई दिल्ली/भोपाल/रायपुर/जयपुर, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर से भारत में भयानक स्थिति बनी हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक देश में 2.14 करोड़ लोग संक्रमित हुए हैं। इनमें से 2.34 लाख की मौत हुई है। दिन पर दिन मौत के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में लोगों को संक्रमण से बचाने का एक मात्र रास्ता वैक्सीनेशन है। लेकिन एक तो देश में पर्याप्त वैक्सीन की कमी है उस पर राज्यों को वैक्सीन खरीदने के लिए 5 प्र्रतिशत जीएसटी चुकानी पड़ रही है। पहले से ही आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे राज्यों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ा है।
देश में 1 मई से 18+ वालों का वैक्सीनेशन शुरू हुआ है। इसके लिए राज्यों को वैक्सीन खरीदना पड़ रहा है। लेकिन इस महामारी में भी केंद्र सरकार वैक्सीन खरीदी पर राज्यों से 5 प्रतिशत जीएसटी ले रही है। केंद्र के इस कदम का विरोध शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, प. बंगाल सहित कई राज्यों ने इसका विरोध किया है और जीएसटी माफ करने की मांग किया है।
-महामारी रोकने के लिए वैक्सीन जरूरी
देश में कोरोना महामारी विकराल होती जा रही है। शुक्रवार को देश में कोरोना के नए केस ने फिर नया रिकॉर्ड बना दिया है। बीते 24 घंटे में 4.14 लाख संक्रमितों की पहचान हुई। नए केस का यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। 3,920 मरीजों ने इस महामारी से जान गंवाई। हालांकि, राहत की बात यह रही कि 3.28 लाख मरीज ठीक भी हो गए। बीते सात दिन में यह तीसरा मौका है जब 4 लाख से ज्यादा मरीज मिले। इससे पहले 30 अप्रैल को 4.02 लाख और 5 मई को 4.12 लाख मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। एक्टिव केस यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या भी चिंता बढ़ा रही है। ऐसे में वैक्सीनेशन ही एक मात्र आस है जो लोगों को महामारी से बचा सकती है। लेकिन केंद्र सरकार वैक्सीन पर भी जीएसटी लेकर आपदा को अवसर बनाने में लगी हुई है।
-राजस्थान ने चुकाया 56 करोड़ से ज्यादा जीएसटी
राजस्थान में 18 साल से 44 साल की आबादी के वैक्सीनेशन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट से खरीदी जा रही वैक्सीन पर केंद्र सरकार 5 फीसदी जीएसटी वसूल रही है। पहली खेप में 3.75 करोड़ वैक्सीन डोज का ऑर्डर सीरम इंस्टीट्यूट को दिया गया है। हर डोज पर केंद्र सरकार 15 रुपए का टैक्स वसूल रही है। पहली खेप की डोज पर ही 56 करोड़ से ज्यादा की जीएसटी चुकानी पड़ रही है। अभी दूसरी डोज के लिए भी इतने ही वैक्सीन की खरीद और करनी होगी। सीरम इंस्टीट्यूट राज्य को एक डोज 315 रुपये में दे रहा है। इसकी मूल कीमत 300 रुपए है और 15 रुपए जीएसटी है। 18 साल से ऊपर की पूरी आबादी को दोनों डोज लगाने के लिए 7.50 करोड़ वैक्सीन की जरूरत होगी। दोनों खेप को मिलाकर केंद्र सरकार 112 करोड़ की जीएसटी वसूल लेगा। केंद्र सरकार जीएसटी माफ कर दे तो 18 लाख से ज्यादा की आबादी को वैक्सीन के दोनों डोज लगाने जितना पैसा बच जाएगा।
-विदेश से आने वाली वैक्सीन जीएसटी मुक्त
केंद्र सरकार ने हाल ही विदेश से आने वाली कोरोना वैक्सीन को जीएसटी से मुक्त किया था। देश में बनने वाली वैक्सीन पर अभी भी 5 फीसदी जीएसटी लग रहा है। कई राज्य केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर देश में बन रही कोरोना वैक्सीन को जीएसटी मुक्त करने की मांग कर रहे हैं।
-जीएसटी माफी पर सुर एक
कोरोना वैक्सीन पर जीएसटी वसूलने को लेकर कई राज्यों की सरकारों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। राजस्थान के स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने देश में बन रही कोरोना वैक्सीन पर जीएसटी माफ करने की मांग करते हुए केंद्र को निशाने पर लिया। उधर, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी वैक्सीन को जीएसटी मुक्त करने की मांग का समर्थन किया है। सुभाष गर्ग ने कहा कि 18 साल से ज्यादा वालों की वैक्सीन पर केंद्र सरकार 5 फीसदी जीएसटी ले रही है। हमने केंद्र से फ्री वैक्सीनेशन की मांग रखी थी, लेकिन नहीं मानी। राज्य सरकार प्रदेश की 18 से 44 साल की आबादी के वैक्सीनेशन का पूरा खर्च उठा रही है। मोदीजी, कम से कम इस पर टैक्स तो न लें। इस आपदा में भी कमाई का अवसर नहीं देखना चाहिए। केंद्र के सामने हम इस मुद्दे को उठाएंगे। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा- आजादी के बाद देश में वैक्सीनेशन फ्री हुआ है, लेकिन युवाओं को कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए राज्य सरकारों को पैसा देना पड़ रहा है। राज्यों के लिए पहले तो दरें ज्यादा कीं। उस वैक्सीन पर केंद्र सरकार 5 फीसदी जीएसटी वसूल कर कोरोना के समय में जले पर नमक छिड़क रही है।
अब तक 16.25 करोड़ से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन
भारत में 16 जनवरी से दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है। अब 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी शख्स इसकी डोज लगवा सकता है। अब तक पूरे देश में 16.25 करोड़ से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे कारगर वैक्सीनेशन ही है और इसी कारण इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। देश में कोरोना की दूसरी लहर अधिक खतरनाक साबित हो रही है। पिछले 24 घंटे में भारत में रिकॉर्ड 4,12,262 नए कोरोना केसेज सामने आए और 3980 लोगों की मौत हुई। अब तक देश में 2,10,77,410 कोरोना केसेज आ चुके हैं और इसके चलते 2,30,168 लोगों की मौत हो चुकी है।
-भारत ने 95 देशों को 6 करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन दी
भारत ने जनवरी से अप्रैल तक बड़े पैमाने पर दुनिया को कोरोना टीके दिए, इसका प्रतिफल उसे मिल रहा है। कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहे भारत को 40 से अधिक देशों ने ऑक्सीजन से लेकर रेमडेसिविर तक की मदद दी है। हालांकि, भारत ने अब तक 95 देशों को 6 करोड़ से अधिक टीके दिए हैं, इसके अनुपात में देश को मिली मेडिकल सहायता अभी उतनी नहीं जितनी होनी चाहिए। लेकिन कूटनीतिज्ञ मानते हैं कि इस डिप्लोमेसी से भारत ने सॉफ्टपॉवर हासिल करने में जो सफलता हासिल की है, उसे डॉलर के बदले डॉलर से नहीं तौल सकते। देश में विदेश से जो उपकरण आए हैं, कई कारणों से उनका फायदा तुरंत नहीं मिल पा रहा। मसलन, अमेरिकी उपकरण 110 वोल्ट की बिजली पर काम करते हैं, जबकि भारत में 220 वोल्ट की बिजली आपूर्ति होती है। इसलिए अमेरिका से आए उपकरण तुरंत इस्तेमाल नहीं हो सकते थे। ऐसी अलग-अलग समस्याएं अन्य देशों से आई मदद के साथ है, भारतीय इंजीरियर इनके बीच तालमेल बैठाने में जुटे हैं।