लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी सरकारी एवं निजी कार्यालयों में बीमार, दिव्यांग कर्मचारी और गर्भवती महिला कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ की सुविधा दिए जाने के निर्देष दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन्हें कार्यालय आने की कोई अनिवार्यता नहीं है। इसी प्रकार सभी सरकारी कार्यालयों में 50 प्रतिषत कार्मिक क्षमता से ही कार्य लिया जाए। इस व्यवस्था को तत्काल प्रभावी बनाया जाए। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी ने राज्य कर्मचारियों को बड़ी सहूलियत देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार के अधिकारी व कर्मचारी शासन द्वारा तय चिकित्सा प्रतिपूर्ति के नियमों के अंतर्गत ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद कर सकते हैं। वहीं उन्होंने प्रदेश में अंतरराज्यीय बस परिवहन को स्थगित किया गया है। निजी परिवहन ऑपरेटर आधी क्षमता के साथ ही कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ही संचालित हो सकेंगे। परिवहन विभाग इस व्यवस्था को सख्ती से लागू कराए।
शुक्रवार को यहां टीम-9 के साथ समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएम और सीएमओ यह सुनिश्चित करें कि टेस्ट की यह प्रक्रिया गांव में ही हो। सीएचसी-पीएचसी पर जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। आरआरटी की संख्या में तीन से चार गुना बढ़ोतरी के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। होम आइसोलेशन में उपचाराधीन लोगों को समय से मेडिकल किट जरूर दी जाए। मुख्य सचिव कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय से इसकी समीक्षा की जाए। निगरानी समितियां जिन लोगों को मेडिकल किट दें उनका विवरण आईसीसीसी को उपलब्ध कराएं। आईसीसीसी इसका सत्यापन करे। इसके बाद सीएम हेल्पलाइन से इसका पुनर्सत्यापन किया जाए। कुछ जिलों में सीएमओ आदि स्वास्थ्य सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों के संक्रमित होने की जानकारी आई है। स्वास्थ्य विभाग ऐसे जिलों में तत्काल नवीन तैनाती की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में एम्बुलेंस उपलब्ध कराए गए हैं। जरूरत के अनुसार अतिरिक्त प्रबंध भी किया जाए। निजी एम्बुलेंस संचालकों द्वारा मनमाने ढंग से किराया वसूलने की घटनाएं संज्ञान में आई हैं। शासन स्तर से निजी एम्बुलेंस के लिए किराया दर तय करते हुए इसे प्रभावी ढंग से लागू कराया जाए।