लखनऊ, उत्तरप्रदेश में कोरोना के प्रबंधन को लेकर योगी सरकार की मशीनरी पर बीजेपी विधायक ही सवाल उठा रहे हैं। बीजेपी के तमाम विधायक योगी को चिट्ठी लिखकर कह रहे हैं कि प्रदेश में वह असहाय महसूस कर रहे हैं और मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। लखनऊ मध्य के एमएलए और मंत्री बृजेश पाठक से शुरू हुए सिलसिले में अब नया नाम लखीमपुर खीरी के विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह का है, जिन्होंने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा है कि लोगों की मौत हुई है और हम चाह कर भी अपने लोगों को नहीं बचा पा रहे हैं। वहीं कानपुर के सांसद सत्यदेव पचौरी ने जिले के प्रभारी मंत्री और डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को पत्र लिखकर कोरोना के हालतों की हकीकत बताई है।
अपने पत्र में लोकेंद्र प्रताप ने लिखा,’प्रदेश में निरंतर कोरोना पीड़ितों में वृद्धि हो रही है और कोरोना थमने का नाम नहीं ले रहा है। हम लोग असहाय होकर अपने लोगों को मरते हुए देख रहे हैं। ऐसा कोई गांव नहीं हैं, जो कोरोना की चपेट में न हो। विधायक ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि लखीमपुर जनपद में ऑक्सिजन की अत्यधिक कमी है और ऑक्सिजन की कमी से अत्यधिक लोग मर रहे हैं। तहसील स्तर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी ऑक्सिजन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, इसके कारण लोग मरते जा रहे हैं।
बता दें कि लोकेंद्र प्रताप सिंह से पहले बीजेपी के कई और विधायकों ने भी सीएम को पत्र लिखकर प्रदेश में कोविड प्रबंधन की व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। भदोही के विधायक दीनानाथ भास्कर ने अपने जिले में निजी अस्पतालों की मनमानी को लेकर चिट्ठी सीएम योगी को लिखी थी। यूपी सरकार के कानून मंत्री और लखनऊ मध्य के विधायक बृजेश पाठक ने भी बीते दिनों सीएम योगी को पत्र लिखकर सरकारी मशीनरी की व्यवस्था पर सवाल उठाया था। मंत्री ने लिखा था कि उनके कहने के बावजूद मशहूर इतिहासकार योगेश प्रवीण को इलाज नहीं मिला और उनकी मौत हो गई। मंत्री ने लिखा था कि प्रदेश के तमाम अफसर लोगों और जनप्रतिनिधियों के फोन नहीं उठाते हैं।
मोहनलालगंज के बीजेपी सांसद कौशल किशोर भी लगातार इस अराजकता को लेकर मुखर हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे निजी अस्पतालों में ऑक्सिजन सप्लायर्स आपूर्ति नहीं कर रहे हैं। उन्होंने सरकारी अस्पतालों पर भी ध्यान देने के लिए सीएम को पत्र लिखा। सांसद ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया की यूपी में पंचायत चुनाव टाल दिए जाएं, हालांकि उनके अनुरोध पर कुछ नहीं हुआ। यूपी पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 700 से ज्यादा शिक्षकों की कोरोना से मौत हो गई। इसी तरह, मेरठ के सांसद, राजेंद्र अग्रवाल ने सीएम को जिले में ऑक्सिजन की कमी के बारे में पत्र लिखा।