कोरोना के डबल वैरिएंट से बढ़ीं मौतें- डॉ. गुलेरिया

नई दिल्ली,अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि वायरस के अलग-अलग म्यूटेशन का प्रभाव भी देखने को मिल रहा है। यूके और डबल वैरिएंट की वजह से मरीजों की मृत्यु में इजाफा भी हुआ है। इनके जरिए संक्रमण की गंभीरता का पता चलता है। राहत की बात है कि नए वैरिएंट पर वैक्सीन असरदार है। ऐसे में जरूरी है कि न सिर्फ भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार वैक्सीन के पेटेंट पर एकाधिकार नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से हम काफी अधिक मात्रा में वैक्सीन का उत्पादन कर सकते हैं। अधिक से अधिक लोगों को संक्रमण के खतरे से बाहर ला सकते हैं। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि इस वक्त में ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की आवश्यकता है। देश में संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में हमें भी ज्यादा तैयार रहने की जरूरत है। इसलिए लोगों को सतर्क रहना पड़ेगा। वहीं सरकारों को भी स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तार जल्द से जल्द देना होगा। कोरोना मरीजों के लिए सीटी स्कैन घातक बताने के बयान के बाद अब दिल्ली स्थित अखिल आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि देश के ज्यादातर मरीजों को इस जांच की आवश्यकता नहीं है। करीब 85 फीसदी मरीज ऐसे हैं, जिनमें संक्रमण के लक्षण काफी हल्के हैं या फिर न के बराबर हैं। ऐसे मरीजों की जांच के लिए सीटी स्कैन की सलाह नहीं दी जा सकती है।

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