लखनऊ, लखनऊ के कृष्णानगर एलडीए कालोनी में रात कोरोना संक्रमित अरविंद गोयल (60) और उनके बेटे आशीष गोयल (25) के शव घर में पड़े मिले। पुलिस के पहुंचने पर अरविंद की पत्नी रंजना गम्भीर हालत में मिली। दिव्यांग रंजना को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है। होम आइसोलेशन में रहने के दौरान पिता-पुत्र की मौत हुई है। वहीं, रंजना चार दिन से पति और बेटे के शव के साथ ही रह रहीं थीं। इसके अलावा कृष्णानगर में ही होम आइसोलेशन में विवेक शर्मा (35) की भी कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। इंस्पेक्टर महेश दुबे के मुताबिक एलडीए कालोनी मकान नम्बर 215 में अरविंद गोयल का परिवार रहता था।शाम के वक्त स्थानीय लोगों ने मान से दुर्गंध आने की सूचना दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। दरवाजा तोड़ कर पुलिस मकान में दाखिल हुई। जहां अरविंद और आशीष के शव अलग-अलग कमरों में पड़े मिले। अरविंद की पत्नी रंजना भी घर में थीं। इंस्पेक्टर के मुताबिक रंजना चल नहीं सकती थीं। ऐसे हालात में वह घर में ही मौजूद थी। उनके सामने पति का शव पड़ा था। खुद रंजना भी कोरोना संक्रमित थीं। उनकी तबीयत भी काफी खराब थी। पति और बेटे की मौत का पता चलने के बाद रंजना ने मदद के लिए कई बार आवाज दी। लेकिन उनकी चीख हर बार घर के अंदर ही दब कर रह गई। पूरी जिंदगी का पहाड़ उनके आंसू भी सूख चुके थे। पुलिस ने हर तरह की मदद का भरोसा दिलाकर किसी तरह अस्पताल में भर्ती कराया। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि कोरोना संक्रमित होने के बाद से परिवार आइसोलेशन में रह रहा था। अक्सर आशीष और अरविंद ही घर से बाहर आते थे। चार दिन से वह दोनों भी किसी को नजर नहीं आए थे। पड़ोसियों के अनुसार अरविंद की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। ऐसे में आशियाना में रहने वाली अरविंद की मां हर महीने कुछ रुपये दे जाती थी। बीते काफी वक्त से वह भी नहीं आईं थीं। कृष्णानगर के डी-वन में विवेक शर्मा (35) रहता था। कोरोना संक्रमित होने के बाद से वह घर से बाहर नहीं निकला था। शनिवार शाम पड़ोसियों से सूचना मिलने के बाद पुलिस पहुंची और विवेक का शव बरामद किया। इंस्पेक्टर महेश दुबे के अनुसार विवेक के एक रिश्तेदार कुशीनगर में न्यायिक अधिकारी हैं। जिन्हें सूचना दी गई है। विवेक की बहन बनारस में और भाई कोलकाता में रहते हैं।उन्हें भी फोन किया गया था। मगर, कोई नहीं पहुंचा। ऐसे में नगर निगम की टीम ने विवेक के शव का अंतिम संस्कार कराया है।