महाराष्ट्र में जुलाई-अगस्त में आएगी कोरोना की तीसरी लहर- सीएम उद्धव

मुंबई, कोरोना वायरस की दूसरी लहर से सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र ने अभी से ही संभावित तीसरी लहर की तैयारी शुरू कर दी है। कोरोना की दूसरी लहर का ढलान आना अभी बाकी है, इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महामारी विज्ञानियों से बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में जुलाई और अगस्त तक तीसरी लहर आने की संभावना है। उन्होंने राज्य प्रशासन से तीसरी लहर के लिए तैयार रहने को कहा और बुनियादी ढांचे को बेहतर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वह राज्य में वर्तमान परिदृश्य को दोहराना नहीं चाहते हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना के हालातों पर चर्चा करने के लिए में संभागीय आयुक्त, कलेक्टर, नगर आयुक्तों के साथ एक अहम बैठक की थी। इसी बैठक में उन्होंने स्पष्ट से सभी को तीसरी लहर के लिए तैयार रहने को कहा। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि हमें आत्मनिर्भर बनना होगा, विशेष रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति के मामले में। सीएम ने कहा कि वह तब ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी का कोई कारण नहीं सुनना चाहेंगे। नाम न जाहिर होने देने की शर्त पर एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि जुलाई और अगस्त में महाराष्ट्र में कोरोना की तीसरी लहर आएगी, यह भविष्यवाणी राज्य की टास्क फोर्स के सदस्यों द्वारा दी गई सलाह पर आधारित है। टास्क फोर्स ने यह भविष्यवाणी मेडिकल फील्ड के विशेषज्ञों से बातचीत के आधार पर की है। इतना ही नहीं, उन्होंने विभिन्न देशों में कोरोना की लहरों के पैटर्न के अध्ययन के आधार पर भविष्यवाणी की है। विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना के दैनिक मामलों में गिरावट मई के अंत तक शुरू होने की संभावना है, मगर जुलाई के अंत या अगस्त के पहले सप्ताह तक मामले फिर से बढ़ने लगेंगे जो राज्य में तीसरी लहर होगी। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि हम चाहते हैं कि जुलाई तक स्थानीय प्रशासन के पास ऑक्सीजन सरप्लस हो। इसके लिए 125 पीएसए (प्रेशर स्विंग एबॉर्शन (पीएसए) तकनीक प्लांट लगाने के आदेश जारी किए गए हैं और अगले 10 दिनों में राज्य भर में इनकी स्थापना शुरू हो जाएगी। जिला कलेक्टरों को अपने संबंधित जिले में कुल सक्रिय रोगियों के 25% के अनुपात में 5 से 10 एलपीएम ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद करने के लिए निर्देशित किया गया है, ताकि सभी हल्के और गंभीर रोगियों को किसी भी मामले में नियमित रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति मिल सके।

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