भोपाल, 2020 के लॉकडाउन से इस कोरोना के बीच जरूरी वस्तुओं के भावों की बात करें तो पिछले साल की तुलना में इस साल जरूरी वस्तुएं 50 से 100 फीसदी तक महंगी हो चुकी हैं। जबकि लोगों की इनकम वही है। बल्कि कई लोगों के रोजगार छीन गए हैं। खाने पीने की वस्तुओं के एवज में ज्यादा दाम चुकाना पड़ रहे हैं। जिससे किचन का बजट गड़बड़ा रहा है।
सोयाबीन का तेल, उड़द की दाल, चावल सहित सभी तरह की रोजमर्रा की वस्तु महंगी मिल रही है। खाने के तेल के भाव दोगुना हो चुके हैं। पिछले साल सोयाबीन तेल जहां 80 रुपए प्रतिकिलो था। अब 155 रुपए प्रतिकिलो है। साथ ही अन्य वस्तुएं भी महंगी हैं। हालाकि कोरोना कफ्र्यू में भी सप्लाई व्यवस्था प्रभावित नहीं हुई है और खाने पीने की वस्तुओं की सप्लाई जारी है।
पांच लोगों के परिवार पर 476 रुपए का बढ़ गया भार
तेल- पांच लोगों के परिवार में हर महीने चार किलो तेल की खपत होती है। पिछले लॉकडाउन में तेल 80 रु. किलो बिक रहा था। 320 रु. हर महीने खर्च हो रहे थे। 150 रु. बिक रहा है। 600 रु. खर्च हो रहे हैं यानी 300 रु. का भार तेल पर बढ़ा।
चावल- पांच लोगों के परिवार में तीन किलो चावल की खपत होती है। पहले चावल के भाव 70 रुपए प्रतिकिलो थे। इससे 210 रुपए खर्च हो रहे थे। 95 रुपए प्रतिकिलो है इससे 285 रुपए प्रतिकिलो खर्च हो रहे हैं। यानी 75 रुपए ज्यादा खर्च हो रहे हैं।
शक्कर- पांच लोगों के परिवार में महीने में 8 किलो शक्कर खर्च होती है। पहले जब भाव 36 रु. किलो थे तब शकर पर 288 रु. खर्च हो रहे थे। अब भाव 38 रुपए रुपए किलो है। इससे 304 रुपए खर्च हो रहे हैं। यानी 16 रुपए ज्यादा खर्च हो रहे हैं।
दालें- एक परिवार में चार किलो दाल की खपत होती है। सबसे ज्यादा खपत तुअर दाल दो किलो की होती है। एक-एक किलो मूंग मोगर, उड़द की दाल लगती है। पिछले साल 330 रुपए खर्च हो रहे थे। इस साल 415 रुपए। यानी 85 रुपए का भार दाल पर पड़ा।