रायपुर, देश में कोरोना कर दूसरी लहर के बीच छत्तीसगढ़ के हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। नए संक्रमितों के साथ यहां मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में बुधवार को 279 मरीजों की मौत हुई। यह एक दिन में हुई मौतों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। मरने वालों में सबसे ज्यादा 58 लोग रायपु के हैं। वहीं, बिलासपुर में 39 और दुर्ग में 21 लोगों की जान गई। इसके साथ अब तक प्रदेश में जान गवां चुके लोगों की संख्या बढ़कर 8,061 हो गई है।
इस बीच बीते दिन कोरोना के 15,563 नए मामले सामने आए। इस दौरान 15,506 लोग ठीक भी हुए। प्रदेश में अब तक कुल 6.97 लाख लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इस दौरान 5.70 लाख लोग रिकवर भी हुए। फिलहाल प्रदेश में एक्टिव केस, यानी इलाज करा रहे मरीजों का आंकड़ा 1 लाख 18 हजार 846 है। डॉक्टर्स का कहना है कि संक्रमण की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी है। पिछले चार दिनों में प्रति 100 टेस्ट में संक्रमित पाए गए लोगों की संख्या 30 से घटकर 26 रह है।
-नगर निगमों ने भी रेमडेसिविर खरीदना शुरू किया
राज्य सरकार के बाद अब नगर निगमों ने भी रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदना शुरू कर दिया है। रायपुर नगर निगम ने सरकारी दर पर ही 500 रेमडेसिविर इंजेक्शन का ऑर्डर कंपनी को भेजा है। बताया जा रहा है कि कई और नगर निगमों में इस इंजेक्शन की खरीदी होने जा रही है। निगम के कोविड केयर सेंटर में इसका उपयोग किया जाएगा। वहीं, राज्य सरकार ने नायलान फार्मा को 90 हजार वॉयल का आर्डर दिया है।
-सरकार ने अर्धसैनिक बलो से मांगी मदद
राज्यपाल अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के स्थानीय प्रमुखों, सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारियों और एनसीसी के उप महानिदेशक से कोरोना नियंत्रण में मदद मांगी है। राज्यपाल ने कहा कि जो भी व्यक्ति अपने आप को जिस योग्य या जिस सेवा के लिए उपयुक्त समझे, वह उसमें मदद करे। आपकी इस मदद से शासन की क्षमता में वृद्धि होगी और लोगों की जान भी बचेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सुरक्षाबलों, भूतपूर्व सैनिकों और एनसीसी जैसे संगठनों की मदद की जरूरत है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दो दिन पहले इस मदद का प्रस्ताव दिया था।
-कालाबाजारी रोकने के कानूनी उपाय करने की मांग
कोरोना संकट के बीच दवाओं की कालाबाजारी कर रहे लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने में सरकार नाकाम दिख रही है। कानूनी प्रावधान नहीं होने से ऐसे लोगों को प्रतिबंधात्मक धाराओं में चालान किया जा रहा है। जिसकी वजह से उन्हें जमानत मिल जा रही है। अब सीएम बघेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर आवश्यक दवाओं को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अधिसूचित करने की मांग की है। जिससे जमाखोरों को सजा दिलाई जा सके।