भोपाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को योग से निरोग अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई लंबी और कठिन है। इससे लडऩा भी है और जीतकर भी दिखाना है। अस्पतालों, बिस्तरों और व्यवस्थाओं की सीमा है। हम एक तरफ इन्हें बनाते जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अन्य कदम भी उठाते जा रहे हैं। बरसों तक ऋषियों ने अनुसंधान करके आसन, ध्यान, समाधि, प्राणायाम की विधि। बनाई है। लोग बीमार ही न पड़ें और अस्पताल जाने की जरूरत न पड़े, इसके लिए योग से निरोग अभियान शुरू किया जा रहा है। इसके तहत मप्र के उन हजारों कोरोना संक्रमितों को योग का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा, जो होम आइसोलेशन में रह रहे हैं। इसके लिए प्रशिक्षकों के पहले बैच का प्रशिक्षण शनिवार से प्रारंभ होगा। 25 अप्रैल से पूरे प्रदेश में इसे प्रारंभ कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना सचमुच में आसानी से ठीक होने वाली बीमारी है। यह तब गंभीर होती है, जब हम लापरवाही बरतते हैं। समय रहते इलाज किया जाए और योग का साथ लिया जाए तो यह सौ फीसद ठीक होने वाली बीमारी है। 73 फीसदी कोरोना संक्रमित होम आइसोलेशन वाले हैं। इनमें पांच प्रतिशत को ही अस्पताल जाने की जरूरत पड़ती है। योग से निरोग अभियान पीड़ितों की सेवा का अभियान है।
नकारात्मक भाव दूर करने में मिलेगी मदद
दस मरीजों पर एक प्रशिक्षक हो जाए तो उन्हें स्वस्थ करके इलाज दे सकते हैं। तीन दिन में इतना योग करना सिखाया जा सकता है कि वो आगे स्वयं करने लगें। इससे अकेलापन और अवसाद भी नहीं होगा। नकारात्मक भाव दूर करने में मदद मिलेगी। स्वस्थ लोगों में संक्रमण नहीं फैलेगा, जो काफी बड़ी संख्या में हैं। योग से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी हो जाएगी कि कोरोना छुएगा भी तो कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। इस कार्यक्रम को लेकर श्रीश्री रविशंकर और बाबा रामदेव का आशीर्वाद मिला है। उन्होंने योग प्रशिक्षकों से कहा कि वे पंजीयन कराएं और निर्धारित मरीजों को प्रशिक्षण देने का काम करें। साथ ही कोरोना संक्रमण की चेन को तोडऩे को लेकर तीस अप्रैल तक लोग घरों से अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें। मास्क लगाएं और शारीरिक दूरी का अनिवार्य रूप से पालन करें।
योग से ही 20 घंटे करता हूं काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं प्रतिदिन प्राणायाम करता हूं। इस समय 20 घंटे काम कर रहा हूं और यह इसलिए कर पा रहा हूं क्योंकि योग करता हूं। इसका बड़ा योगदान है। मुझे पहली लहर में कोरोना हुआ था पर वह कोई विपरीत असर नहीं डाल पाया। मेरा बेटा होम आइसोलेशन में है। ध्यान और प्राणायाम कर रहा है। अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ी। फेफड़ों पर कोई असर नहीं हुआ। वह पूरी तरह स्वस्थ है।
बताएंगे तनाव कैसे दूर करें
मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न जिलों से जुड़े योग प्रशिक्षकों से भी संवाद किया। ग्वालियर के ऋषिकेश वशिष्ठ ने कहा कि मरीजों का विश्वास जीतना होगा। प्राणायाम करने के लिए खुला क्षेत्र होना चाहिए। हम लोगों को बताएंगे कि तनाव को कैसे दूर करें। ऊर्जावान कैसे बने रहें। सकारात्मक चिंतन के लिए गहरी सांस लेने का प्रयोग करना चाहिए। हम ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भर हो गए हैं। जबकि, प्राकृतिक वातावरण में पर्याप्त ऑक्सीजन है। अश्वगंधा, आंवला सहित अन्य चीजों में काफी तत्व हैं। उन्होंने जिला स्तर पर विशेषज्ञों की समिति बनाने का सुझाव भी दिया। वहीं, इंदौर के सुनील कुमार जैन ने कहा कि अनुलोम-विलोम काफी कारगर साबित हुआ है। हम एक साल से ऑनलाइन योग करा रहे हैं। भारतीय योग एसोसिएशन से जुड़े बैतूल के सुनील कुबड़े ने कहा कि कोरोना के इस संकटकाल में संवेदनशील रहना जरूरी है। यही सबसे बड़ी शक्ति है।