सौसर, बढ़ते कोरोना संक्रमण के बुरे दौर से इस समय सौंसर गुजर रहा है। सरकारी अस्पतालों में वर्तमान में किसी प्रकार की कोई सुविधाएं और व्यवस्थाएं नहीं है जिसके चलते सौसर नगर और 59 ग्राम पंचायतों के हजारों ग्रामीणों को इलाज के लिए सावनेर नागपुर छिंदवाड़ा या फिर निजी अस्पतालों के चककर काटना पड़ रहा है। हालात यह है कि सांवनेर, नागपुर में मरीजों को न बिस्तर मिल रहे हैं न इंजेक्शन। हारकर वे वापस अपने शहर लौट रहे हैं। सौसर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किसी प्रकार का कोरोना संक्रमण इलाज नहीं होने के चलते मरीज को मजबूरी में नागपुर सावनेर में जाकर अपना इलाज कराना पड़ता है परंतु अब नागपुर सावनेर में भी इलाज के लिए मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। मिली जानकारी के अनुसार नागपुर और सावनेर में कोविड-19 हॉस्पिटल में मरीजों को बेड नहीं मिल रहा है। सभी हॉस्पिटल फुल है।यहां के अस्पतालों में बेड और इंजेक्शन को लेकर मारामारी चल रही है। गुरुवार को नगर के एक संक्रमित मरीज को नागपुर के अस्पतालों में चक्कर काटने अधिक पैसे देने के बाद भी बेड और इलाज नहीं मिलने के चलते बिना इलाज के मौत हो गई। सावनेर,नागपुर के अस्पतालों में भी मरीजों को बेड इंजेक्सन नहीं मिलने के चलते सौसर क्षेत्र के मरीजों के सामने इलाज को अब डर सता रहा है। सौसर,पीपला नावार,लोधिखेड़ा,मोहगाव हवेली,रामाकोना आदि क्षेत्रों में संक्रमित लगातार मिल रहे हैं।
बीते दिनों सौसर नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 50 बेड कोविड हॉस्पिटल का शुभारंभ हो इसको लेकर विधायक विजय चौरे, पूर्व विधायक अजय चौरे, नगर पालिका अध्यक्ष लक्ष्मण चाके, नगर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अतुल जुननकर,िवधानसभा युवक कांग्रेस अध्यक्ष संजय ठाकरे,भाजपा नेता प्रदीप ठाकरे,इटक नेता अरविंद डहाके, सामाजिक कार्यकर्ता दिनकर पातुरकर,भाजपा नेता राजेंद्र भक्ते ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,ओर स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर क्षेत्र के स्वास्थ्य स्वास्थ्य सेवाओं से अवगत कराते हुए मांग की है,परंतु अब तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। कांग्रेस नेता और जिला महामंत्री अनिल ठाकरे ने कहा कि सौंसर में 100 बेड की क्षमता वाला अस्पताल बना है। इसके बावजूद यहां व्यवस्थाएं क्यों नहीं की जा रही समझ नहीं आ रहा। प्रतिदिन क्षेत्र के मरीजों की जाने जा रही है।सौसर हॉस्पिटल में यदि एमडी मेडिसिन डॉक्टर की सरकार की ओर से व्यवस्था हो जाए तो 50 बेड कॉविड अस्पताल का शुभारंभ हो सकता है परंतु सरकार और प्रशासन में बैठे हुए अधिकारियों की लचीली कार्यप्रणाली और इच्छाशक्ति के अभाव में अब तक नहीं हो पाया है।