जबलपुर में ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीज की मौत, लाईफ मेडीसिटी और सुखसागर में हालात बिगड़े, पुलिस ने मोर्चा संभाला

जबलपुर, गुरुवार की सुबह-सुबह आगाचौक के पास स्थित एक निजी हॉस्पिटल लाईफ मेडीसिटी में ऑक्सीजन की कमी की वजह से एक मरीज की मौत हो गई, वहीं जहां भर्ती १२० मरीजों में ८४ की हालत बिगड़ने लगी। अस्पताल में हालात तनावपूर्ण बनते ही अस्पताल का स्टॉफ और डॉक्टर अपनी जान बचाने के लिए अस्पताल से भाग खड़े हुये। घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली सीएसपी दीपक मिश्रा, लार्डगंज थाना प्रभारी प्रपुâल्ल श्रीवास्तव, मदनमहल टीआई नीरज वर्मा, पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची और आक्रोशितों लोगों को समझाईश दी और एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने तत्काल १० ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कराई तब जाकर स्थिति नियंत्रण में आई। कुछ इसी तरह की खबर तिलवारा के बरगी थाना क्षेत्र में स्थित सुखसागर मेडीकल कॉलेज से भी आई। यहां ४ मरीजों की मृत्यु की खबर है। लेकिन इस बारें में पुलिस का कहना है कि ४ मरीज क्रिटिकल अवस्था में आये थे, जिनकी मृत्यु हो गई। ऑक्सीजन की कमी जैसी कोई बात यहां नहीं थी। उधर दूसरी ओर कहा जा रहा है कि जबलपुर में लिक्विड प्लांट में आई खराबी के कारण ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से गुरुवार सुबह ५ मरीजों की मौत हो गई, ये सभी मरीज वेंटिलेटर पर थे. वहीं ४ की हालत गंभीर है. यहां के मेडिसिटी अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने से वेंटिलेटर पर ८२ वर्षीय महिला की जान चली गई, वहीं ४ की मौत सुख-सागर मेडिकल कॉलेज में हुई है.. इस बीच सरकार ने १३ जिलों में नए ऑक्सीजन प्लांट खोलने की घोषणा की है.
बताया जाता है कि यादव कॉलोनी निवासी अनिल खत्री अपनी ८२ वर्षीय मां को रविवार को अस्पताल लेकर आए थे। तब उनकी मां का ऑक्सीजन लेवल ६० पर था। उन्हें लाइफ सपोर्ट पर रखा गया था। अनिल खत्री के मुताबिक उनकी मां ने इलाज के बाद काफी रिकवर किया था। बुधवार की रात में उनका लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ ऑक्सीजन लेवल ९९ पर पहुंच गया था। रात में दो बजे ऑक्सीजन का प्रेशर कम होते ही हालत बिगड़ने लगी। तड़के चार बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। मरीज की मौत के बाद मरीज के परिजनों व चिकित्सकों के बीच विवाद हो गया। हंगामा और झूमा झटकी के बाद बने हालातों में चिकित्सकों व स्टाफ ने काम करना बंद कर दिया। इस पर दूसरे मरीजों के परिजनों ने कहा कि किसी एक मरीज के कारण अन्य मरीजों के उपचार में आई बाधा दूर की जाए ताकि दूसरों की जान बच सके । सूचना के बाद अस्पताल पहुंची पुलिस ने स्थिति संभाली।
एसपी के कहने पर पहुंचे सिलेंडर………….
ऑक्सीजन समाप्त होने व मरीज की मौत के बाद विवाद की खबर मिलते ही मौके पर सीएसपी दीपक मिश्रा, टीआई लार्डगंज, कोतवाली व मदनमहल और लाइन का पुलिस बल पहुंच गया। हंगामा कर रहे परिजनों को किसी तरह शांत कराया गया। ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने तत्काल ऑक्सीजन प्लांट की बात की, तब कहीं जाकर अस्पताल को १० सिलेंडर मुहैया कराए गए। इस मामलें में पुलिस की सक्रिय भूमिका की सराहना की जा रही हैं।
सुखसागर में भी बिगड़े हालात
बताया जाता है कि बीती रात एक के बाद एक अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी होने की खबर और त्राहि-त्राहि के बीच कलेक्टर ने सुखसागर मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन से संपर्क कर उनसे ऑक्सीजन सिलेंडर की स्थिति जानी। प्रबंधन ने
बताया कि उनके पास अभी करीब ८० जम्बो सिलेंडर है, और वे मदद देने के लिए तैयार हैं। इस पर एसडीएम तत्काल अस्पताल पहुंचे और पुलिस की निगरानी में सिलेंडर लेकर दूसरे अस्पतालों में उपलब्ध कराए गए। प्रबंधन का कहना है कि हमारे दिए गए सिलेंडर अभी तक हमें वापस नहीं किए गए हैं और अब हमें सिलेंडर के लिए गुहार लगाना पड़
रहा है।
हरकत में आया प्रशासन
अस्पतालों में आई ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी के बाद मचे हंगामे और बिगड़ती स्थितियों को संभालने के लिए पुलिस के साथ जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भी सुबह से दौड़ भाग शुरू कर दी। गुरुवार सुबह करीब १० बजे रिछाई स्थित ऑक्सीजन प्लांट पहुंचे एसडीएम अनुराग तिवारी के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम ने स्टॉक चेक करने के बाद तय किया कि सबसे ज्यादा जरूरतमंद अस्पतालों को ५-५ जम्बो सिलेंडर (८०-१०० लीटर क्षमता वाले) उपलब्ध कराएंगे। एसडीएम अनुराग तिवारी का कहना है कि सुबह-शाम सिलेंडर उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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