मप्र में कोरोना के 7 दिन में बढ़ गए 17 हजार से ज्यादा एक्टिव केस, 8998 केस सामने आये, 40 मौतें

 

भोपाल, मध्यप्रदेश में कोरोना का आक्रमण तेज होता जा रहा है। पहली बार 1 दिन में 46 हजार 526 सैंपल टेस्ट रिपोर्ट में 8998 पॉजिटिव केस मिले, जबकि पहली लहर में इतने केस 2 महीने 16 दिन में इतने केस मिले थे। प्रदेश में पहला कोरोना केस 18 मार्च 2020 को जबलपुर में मिला था। इसके बाद 4 जुलाई 2020 को कुल 8996 केस दर्ज किए गए थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार अब कितनी गुना बढ़ती जा रही है। शाजापुर जिला भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र सिंह बैस का भी कोरोना से निधन हो गया।
स्वास्थ्य विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 12 अप्रैल को सरकारी रिकार्ड में 40 मौतें दर्ज की गईं। इसमें सबसे अधिक इंदौर और ग्वालियर में 6-6 और भोपाल में 5 मौतें कोरोना से होना बताया गया है। जबकि जबलपुर में 4 मरीजों ने दम तोड़ा है। मौतों का आंकड़ा अब छोटे शहरों में भी बढऩे लगा है। रतलाम में 3 और देवास व आगर मालवा में 2-2 लोग कोरोना की जंग हार गए। प्रदेश में कोरोना से अब तक 4261 लोगों की मौत हो चुकी है।
चार बड़े शहरों में सबसे अधिक मामले
पिछले 24 घंटे में इंदौर में सबसे ज्यादा 1552 संक्रमित मिले हैं। इसी तरह भोपाल में रिकार्ड 1456, ग्वालियर में 576 और जबलपुर में 552 पॉजिटिव केस मिले हैं। इसके अलावा छोटे शहरों में भी अब कोरोना की चाल तेज होती जा रही है। उज्जैन में 317 और बड़वानी में 237 संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा 19 शहरा ऐसे हैं, जहां 12 अप्रैल को 100 से 200 के बीच केस मिले हैं। प्रदेश में जिस तरह से कोरोना ने प्रदेश को अपनी चपेट में लिया है, सरकार के लिए अस्पतालों में इंजताम करना बड़ी अब यह चुनौती बनता रहा है। हालांकि सरकार दावा कर रही है कि प्रदेश में 1 लाख बेड की व्यवस्था की जा रही है। ऑक्सीजन और दवा की कोई कमी नहीं है, लेकिन मैदानी हकीकत बिल्कुल अलग है। यह हालात तब हैं जब प्रदेश में एक्टिव केस 43हजार के पार हो चुके हैं। अब सरकार मरीजों को होम आइसोलेट करने पर ज्यादा फोकस कर रही है।

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