हुगली,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हुगली के तारकेश्वर में रैली की। यहां उन्होंने केंद्र की योजनाओं को सही तरीके से बंगाल में लागू कराने का वादा किया। साथ ही 2 मई को डायरेक्ट बेनिफिट देने वाली सरकार बनेगी। मोदी ने ममता पर तंज कसते हुए कहा कि जब कोई ईवीएम को दोष देने लगे, तो समझ लीजिए कि उसका खेल खत्म हो चुका है। मोदी ने कहा कि क्रिकेट के मैदान में कोई खिलाड़ी बार-बार अंपायर पर सवाल उठाए तो समझ लीजिए उसके खेल में खोट है।
मोदी ने कहा कि बंगाल के लोग हर परीक्षा में पास हुए हैं। फेल तो वो लोग हुए हैं, जिन्होंने बंगाल का विकास नहीं किया। आज बंगाल के लोगों ने एक बार फिर परिवर्तन की कमान संभाल ली है। सोनार बांग्ला के विजन में यहां के लोग भाजपा की सरकार बनाना चाहते हैं। इसलिए यहां के लोगों ने पहले दो चरण में ही भाजपा की जीत का रास्ता तय कर दिया है। 2 मई को क्या नतीजे आएंगे, इसकी झलक हम 2 दिन पहले नंदीग्राम में देख चुके हैं।
-हर फेज के साथ दीदी की बौखलाहट बढ़ेगी
मोदी ने कहा कि मुझे पता है कि हर चरण के मतदान के साथ दीदी की बौखलाहट बढ़ती जाएगी। उन्होंने कहा, दीदी हार आपके सामने है। इसे स्वीकार कीजिए। हुगली के लोगों की आवाज सुनिए। दीदी, निर्वाचन खेल नहीं है। गणतंत्र खेल नहीं है। मोदी ने कहा कि बंगाल के लोगों ने ही ममता को 10 साल पहले सिर आंखों पर बैठाया था। लेकिन दीदी इन्हीं का अपमान कर रही हैं।
10 साल में कारखाने बंद हुए, रोजगार खत्म हुआ
मोदी ने ममता बनर्जी से पूछा कि इतनी कड़वाहट कहां से लाती हो। दीदी बंगाल के प्रतिभाशाली युवाओं में कड़वाहट घोल रही हैं। दीदी की बौखलाहट का एक बड़ा कारण उनके 10 साल के काम का रिपोर्ट कार्ड है। यहां पुरानी इंडस्ट्री बंद हो चुकी है, कारखाने बंद हो गए हैं, युवाओं के पास रोजगार नहीं है। हुगली सबसे बड़े कारखाने का केंद्र रहा है, लेकिन आज क्या हालत हो गई है। पहले देश के कई राज्यों से लोग बंगाल की फैक्ट्रियों में काम करने आते थे। आज यहां के लोग दूसरे राज्यों में जाकर काम करने को मजबूर हैं।
मोदी ने सभा में किसान कार्ड खेला
मोदी ने कहा कि हुगली का आलू बड़ी तादाद में हर साल इसलिए खराब हो जाता है, क्योंकि दीदी ने पर्याप्त संख्या में कोल्ड स्टोरेज नहीं बनाए हैं। जो कोल्ड स्टोरेज हैं भी, वो सिंडीकैट चला रहे हैं। यहां के किसान औने-पौने दाम पर आलू बेचने को मजबूर हैं। 2 मई को भाजपा की सरकार बनने के बाद सबसे पहले किसानों के हित में फैसला होगा। कैबिनेट का पहला फैसला यहां के किसानों को सहायता राशि देना होगा। ममता बनर्जी ने जो पैसे नहीं देने दिए हैं, वो सरकार बनते ही बांटे जाएंगे। हर किसान को 18 हजार रुपए मिलेंगे। मैं चाहता हूं कि दुर्गा पूजा से पहले ये पैसा किसानों के खाते में पहुंच जाना चाहिए।