कलियासोत डेम नहाने गये दो नाबालिग छात्रों की डूबने से मौत

भोपाल, राजधानी के कोलार इलाके में स्थित कलियासोत डेम के 13 नंबर गेट के पास चौदह और पंद्रह साल के दो स्कूली छात्रों की लाशें शनिवार सुबह बरामद की गई हैं। बताया गया है कि दोनों किशोर रंगपंचमी को दोपहर करीब तीन बजे रंगपंचमी खेलने के बाद अपने घर से कलियासोत डेम नहाने के लिए घर से साइकिल लेकर निकले थे। जब वह रात तक घर नहीं पहुंचे तो परिजन ने उनकी तलाश की थी, लेकिन उकनी कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद रात करीब साढ़े 11 बजे परिवार वालो ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। वहीं पजिरनों ने बच्चों की तलाश जारी रखी, इस दौरान उन्हे बच्चो की साइकल और कपड़े कलियासोत डेम के 13 नंबर गेट के पास मिले। पुलिस ने अनहोनी की आशंका पर गोताखोरों को बुलाकर पानी में उनकी काफी तलाश की लेकिन रात अधिक होने पर अंधेरे के कारण उन दोनों के शव नहीं मिल सके। शनिवार सुबह दोबारा नाबालिगो की तलाश शुरु की गई, तब उनके शव पानी मे से बरामद कर लिए गए। थाना पुलिस ने बताया कि अंश उर्फ शुभम पिता अखिलेश तिवारी (14) कान्हाकुंज झुग्गी और वरूण बरेले पिता मुन्नालाल बरेले (15) कान्हाकुंज झुग्गी कोलार में रहते थे। अंश अकबपुर स्थित शासकीय स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ता था, जबकि वरुण दानिशकुंज के निजी स्कूल में नवमीं कक्षा में पढ़ता था। अंश के पिता पेट्रोलपंप पर काम करते हैं, जबकि वरुण के पिता गार्ड की नौकरी करते हैं। हमउम्र होने के कारण अंश और वरूण में काफी गहरी दोस्ती थी। परिजनो ने पुलिस को बताया कि दोनों रंगपंचमी पर दोपहर करीब तीन बजे साइिकल से घूमने निकले थे। इसके बाद घर नहीं लौटे। शाम तक घर नहीं लौटने के कारण परिजन उनकी तलाश आसपास करते रहे, लेकिन जब उनका कुछ पता नहीं चला तो रात करीब साढ़े 11 बजे परिजन कोलार थाने पहुंचे थे। पुलिस ने बताया कि अंश और वरुण के गुम होने की खबर जब कान्हाकुंज झुग्गी में लगी तो झुग्गी में रहने वाले करीब चालीस से ज्यादा लोग बच्चों की तलाश में लग गए थे। वहीं पुलिस ने परिवार वालो की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कर बच्चों की तलाश शुरु कर दी। देर रात पुलिस को सूचना मिली कि दोनों बच्चों की साइकल और कपड़े कलियासोत डेम के 13 नंबर गेट के पास से गुजरने वाले नाले के किनारे पड़े हुए हुए है। इसके बाद पुलिस ने गोताखोरों को बुलाया ओर घटनास्थल पर पहुंची। जानकारी के अनुसार रात के अंधेरे में बच्चों का शव पानी में तलाश करने में गोताखोरों को परेशानी हो रही थी। लेकिन बच्चों से जुड़ा मामला होने के कारण गोताखारों के लिए सर्च लाइट और वाहनों के लाइट से पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की गई। हालांकि लाइट के बाद भी किशोरो के शव बरमद नही किये जा सके। अगली अलसुबह रोशनी होने पर गोतोखोरों ने करीब सात बजे दोनों बच्चों की दोबारा तलाश शुरु की ओर उनकी लाश को पानी से बाहर निकाल लिया। जिन्हे पुलिस ने पीएम के लिए भेज दिया। आसपास के लोगो ने बताया कि परिवार वालो द्वज्ञरा थाने में दोनों बच्चों के लापता होने की खबर देने के बाद सभी लोग उनके परिजनो के साथ तलाश में जुट गए थे। देर रात में जब वह कलियासोत डेम पहुंचे तो उनकी साईकिल डेम के पास मिली थी। इसके बाद रात में ही परिजनों ने पुलिस को खबर दे दी थी। सुबह होने पर गोताखोरों ने उनकी तलाश शुरू कर दी थी। करीब दो घंटे तक तलाश के बाद दोनों के शव गड्डे में मिले। दोनों बच्चों की दोस्ती काफी गहरी थी, जिसके चलते वो दोनो एक ही साईकिल पर साथ घूमते थे, ओर दिन भर मोहल्ले मे एक साथ ही खेलते रहते थे। उनकी मौत की खबर लगते ही मोहल्ले में मातम छा गया है।

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